श्रमिकों की उपेक्षा के खिलाफ सड़क पर उतरेगी हिन्द मजदूर सभा

श्रमिकों की उपेक्षा के खिलाफ सड़क पर उतरेगी हिन्द मजदूर सभा

UP Special News

लखनऊ(जनमत):- श्रम कानूनों का कड़ाई से कार्यान्वयन, 4 लेबर कोड की वापसी, पुरानी पेंशन की बहाली, नियमित कार्यों पर ठेकेदारी और आउटसोर्सिग बन्द कर रिक्त पदों को भरे जाने, श्रम न्यायालयों / न्यायाधिकरणों में पूर्णकालिक पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति सहित 13 सूत्री मांगों को लेकर हिन्द मजदूर सभा के कार्यकर्ता आज 14 फरवरी 2023 को पूरे प्रदेश में क्षेत्रीय श्रम कार्यालयों के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर रहे है।

हिन्द मजदूर सभा उत्तर प्रदेश के मंत्री अविनाश पाण्डेय ने आज जारी एक प्रेस बयान में बताया कि हिन्द मजदूर सभा उत्तर प्रदेश के प्रदेश महामंत्री उमाशंकर मिश्र ने प्रदेश की श्रम समस्याओं का सविस्तार उल्लेख करते हुए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्रम मंत्री और अपर मुख्य सचिव श्रम से मिल कर कई बार प्रतिवेदन देकर समस्याओं के निराकरण के लिए श्रम मंत्री की अध्यक्षता में त्रिदलीय सम्मेलन बुलाये जाने की मांग की, लेकिन बार बार आश्वासन देने के बावजूद श्रम मंत्री ने आज तक बैठक तक नहीं बुलायी, जिसके चलते प्रदेश के श्रमिकों का शोषण और उनमें असन्तोष बढ़ता जा रहा है। स्वयं श्रम विभाग द्वारा कराये गये सर्वेक्षण की रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश में 70 प्रतिशत मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी सहित मूल भूत अधिकार नहीं मिल पा रहा है। ठेकेदारी और आउटसोर्सिंग प्रथा आजाद भारत के मजदूरों को गुलामी के दौर से भी बदतर स्थिति में जीने को मजबूर कर रही है। श्रम विभाग श्रम कानूनों का परिपालन कराने की अपनी जिम्मेदारी के बजाय असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए विभिन्न योजनाओं के नाम पर निर्माण मजदूरों की बेहतरी के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश पर बने सेस के फण्ड की बन्दरबांट में लगा है।

प्रदेश के 13 श्रम न्यायालय और औद्यौगिक न्यायाधिकरणों में पीठासीन अधिकारियों का पद रिक्त है लेकिन उनकी नियुक्ति के बजाय दूसरे न्यायालयों / न्यायाधिकरणों के पीठासीन अधिकारियों को एक एक न्यायालय का अतिरिक्त कार्यभार दे दिया गया है जिसके चलते न्यायालयों का कार्यकाल हफ्ते तीन तीन दिन मात्र रह गया है और मजदूरों के मुकदमों की सुनवाई बाधित हो रही है। प्रदेश के चीनी और डिस्टेलरी उद्योग के कर्मचारियों के वेतन पुनरीक्षण और स्थायी आदेश की राजाज्ञा जारी हुए 8 माह से अधिक का समय हो गया है लेकिन आज तक प्रदेश के एक भी चीनी और डिस्टेलरी उद्योग में इसका लाभ सभी मजदूरों को नहीं दिलाया गया है। इन सभी समस्याओं के निराकरण के प्रति सरकार की उपेक्षा को लेकर हिन्द मजदूर सभा ने प्रदेश व्यापी आन्दोलन चलाने का निर्णय लिया है, जिसके प्रथम चरण में 14 फरवरी को प्रदेश के सभी उप / अपर श्रम आयुक्त के कार्यालयों के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर सरकार को ज्ञापन प्रेषित किया जायेगा।

उक्त धरना और प्रदर्शन का नेतृत्व लखनऊ में सभा के राष्ट्रीय मंत्री गिरीश कुमार पाण्डेय, प्रदेश महामंत्री उमाशंकर मिश्र, का० महामंत्री एल०एन०पाठक, उपाध्यक्ष आर0के0 पाण्डेय, नोएडा और गाजियाबाद में प्रदेश अध्यक्ष शिव गोपाल मिश्र, प्रयागराज में कार्यवाहक अध्यक्ष भोला नाथ तिवारी, उपाध्यक्ष विष्णुदेव पाण्डेय एवं आर0डी यादव, वाराणसी में उपाध्यक्ष डा० प्रदीप शर्मा एवं बाबू लाल राजभर, बरेली में उपाध्यक्ष बसन्त चतुर्वेदी, गोरखपुर में एन०ईरेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री कन्हैया लाल गुप्ता, एचएमएस के प्रदेश संगठन मंत्री अश्वनी कुमार पाण्डेय और ओंमकार नाथ सिंह, कानपुर में उपाध्यक्ष तारणी कुमार पासवान और संगठन मंत्री विद्याकान्त तिवारी, अयोध्या में सुरेन्द्र कुमार मिश्र देवी पाटन में प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सुनील सिंह, अरविन्द सिंह और उमाशंकर शुक्ला, पिपरी में प्रदेश मंत्री राकेश कुमार, संगठन मंत्री आलोक सिंह करेंगे।

Reported By:- Amitabh Chaubey