महाशिवरात्रि को भगवांन शिव की पूजा करने से होती है सारी मनोकामनाए पूरी

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लखनऊ (जनमत):- पौराणिक कथाओ के अनुसार फाल्गुन माह की चतुर्दशी तिथि को माता पार्वती और भगवान् शिव का विवाह हुआ था इस दिन शिव जी ने वैराग्य जीवन छोड़ गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था | इस दिन को भगवान् शिव और शक्ति के मिलन के उत्सव के तौर पर महाशिवरात्रि के पर्व को मनाया जाता है| इस दिन भक्त पूजन और व्रत करके इस उत्सव को मानते है | वही  8 मार्च को देशभर में शिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा| भगवान शिव पार्वती के विवाह का महापर्व होने के साथ ही प्रदोष और शिवयोग भी है |जिस कारण भोलेनाथ की भक्तों के लिए उनको प्रसन्न करने के लिए इस दिन विशेष पूजा अर्चना की जाती है | वही  विद्वानों ने बताया कि शिव जी की पूजा उपासना करके उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है| इससे  शिव भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है|

वही प्रदेश के विभिन्न जगहों से  शिव बारात निकाले  जाने का सिलसिला शुरू हो गया है | महाशिवरात्रि पर प्रदोष के साथ बन रहा शिवयोग 8 मार्च को महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर कई दूसरे दुर्लभ सहयोग भी हैं| जिससे इस बार शिवरात्रि पर्व काफी महत्वपूर्ण है | शिवरात्रि के दिन प्रदोष होने और  उसी के साथ शिवयोग होने की वजह से शिवरात्रि विशेष फलदाई हो गई है|  वही विद्धानो की माने तो  शिवरात्रि के दिन दुर्लभ संयोग बनने की वजह से गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक, पूजन अर्चन करने का फल भी कल्याणकारी होगा|  महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर किसी भी प्रकार से भोलेनाथ की पूजा अर्चना करना विशेष फलदायक होता है | इस फलदाई सहयोग में भोलेनाथ की उपासना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं वही प्रदेश के विभिन्न जगहों पर हर्ष और उल्लास के साथ बड़े ही  धूमधाम से निकल रही  शिव की बारात  महाशिवरात्रि से पहले ही पूरा माहौल शिवमय  हो गया है |

आपको बता दे की  महाशिवरात्रि के अवसर पर शिवभक्त जगह -जगह  शोभा यात्रा निकल रहे है | जिसमे  हाथी घोड़े ऊंट समेत  बैंड बाजा और डीजे की धुन पर शिवभक्त झूमते नज़र आ रहे है | वही  प्रदेश के  अन्य क्षेत्रो में चलने वाली अलग -अलग संस्थाओ  की ओर  से शिव भक्त भंडारे का भी आयोजन कर रहे है |  वही विद्धवानो  के अनुसार भगवान् शिव के जलाभिषेक का शुभ  मुहूर्त  प्रात :5 बजे से लेकर सुबह 11 बजे तक का बताया जा रहा है |

PUBLISHED BY- GAURAV UPADHYAY