समलैंगिक विवाह को मान्यता के विरोध में हरदोई में प्रदर्शन

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हरदोई (जनमत):- सर्वोच्च न्यायालय में समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के लिए दायर याचिका पर कार्यवाही के लिए जिस प्रकार की जल्दबाजी की जा रही है उसके विरोध में हरदोई में राष्ट्र सेविका समिति के केंद्रीय अधिकारी कीर्ति सिंह के नेतृत्व में एक ज्ञापन मजिस्ट्रेट को सौंपा गया। राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में कहा गया है कि जिस प्रकार की जल्दबाजी की जा रही है सुनवाई के लिए वह किसी भी तरह से उचित नहीं है।कहाकि यह नए विवादों को जन्म देगी और भारत की संस्कृति के लिए घातक सिद्ध होगी। राष्ट्र सेविका समिति की ओर से दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि भारत में विवाह का योग 1 सभ्यतागत महत्त्व है और महान और समय की कसौटी पर खरी उतरी वैवाहिक संस्था को कमजोर करने के भी प्रयास कर समाज द्वारा मुखारविंद विरोध किया जाना चाहिए।

ज्ञापन में कहा गया है कि समलैंगिक विवाहों में संभावनाएं समाप्त हो जाती हैं।अगर इसे अनुमति दे दी गई तो कई प्रकार के विवादों को जन्म दिया जाएगा। दत्तक देने के नियम उत्तराधिकार के नियम तलाक संबंधी नियम आदि को विवाद के अंतर्गत लाया जाएगा।कहा गया है कि समलैंगिक संबंध में अपने आप को अल्पसंख्यक घोषित कर अपने लिए विभिन्न प्रकार के आरक्षण की मांग भी कर सकते हैं।भारतीय संस्कृति पर सदियों से निरंतर कुठाराघात हो रहे हैं फिर भी अनेक बाधाओं के बाद भी वह बची हुई है। ज्ञापन में कहा कि समलैंगिक विवाह नैसर्गिक व्यवस्था के बिल्कुल विरोध में है हम लोग इसका विरोध करते हैं।

Reported By:- Sunil Kumar

Posted By:- Amitabh Chaubey