आने वाले 3 वर्षों में यह नए स्वरूप में दिखाई देगा गोरखपुर का रेलवे स्टेशन

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गोरखपुर (जनमत):-  पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय है गोरखपुर। यहां से ट्रेनों का संचालन अंग्रेजो के द्वारा करीब सौ साल पहले बनाये गये स्टेशन से होता है। लेकिन अब आने वाले 3 वर्षों में यह नए स्वरूप में दिखाई देगा। भविष्य में 50 साल की आवश्यकता और जरूरतों को देखते हुए रेलवे स्टेशन की नई बिल्डिंग बनाई जाएगी। जो आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ स्थानीय लोक, संस्कृति को भी अपने में समेटे होगी। करीब 612 करोड़ खर्च कर इस नए स्टेशन भवन को तैयार किया जाएगा। इस बात की जानकारी शुक्रवार को पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक चंद्रवीर रमण ने, महाप्रबंधक कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में पत्रकारों को दिया।

उन्होने बताया कि गोरखपुर जंक्शन के पुनर्विकास हेतु प्रस्तावित डिजाईन में स्थानीय संस्कृति की झलक मिलेगी।वर्तमान में मुख्य स्टेशन का भवन 5855वर्ग मीटर और दूसरा प्रवेश द्वार का निर्माण 720वर्ग मीटर में किया गया है,जो प्रस्तावित नए निर्माण में 17,900वर्ग मीटर और 7400वर्ग मीटर का होगा। इसमें एक साथ तीन हजार पांच सौ लोग एक साथ बैठ सकेंगे।

सभी प्रकार के वाहनों की पार्किंग क्षमता में ऐतिहासिक वृद्धि की गई है।इसमें 44लिफ्ट,एस्केलेटर 21और तीन सौ वर्ग मीटर में टिकट खिड़की होंगी। यह प्रस्तावित मैट्रो स्टेशन और बस स्टेशन से स्काई वॉक मार्ग से लिंक होगा। उन्होंने कहा कि इसके निर्माण में बजट का कोई अभाव नहीं है और न ही इससे यात्री किराया या अन्य चीजों की बढ़ोतरी का कोई मामला जुड़ा है।

रेलवे स्टेशन के प्रस्तावित मॉडल में रूप प्लाजा, फूड आउटलेट, वेटिंग हॉल, एटीएम और किड्स प्ले एरिया का प्रावधान किया गया है। 6 मीटर चौड़े दो अतिरिक्त पैदल ऊपरिगामी पुल बनेंगे। होटल का भी प्रावधान है। इसमें वाणिज्य केंद्र और शॉपिंग माल भी बनाया जाएगा। पैदल आवागमन के लिए छाजन युक्त पाथवे होंगे। मौजूदा समय में यह स्टेशन लगभग 45 लाख की आबादी सहित निकटवर्ती जिलों और नेपाल क्षेत्र के लोगों को अपनी सेवाएं दे रहा है। जहां प्रतिदिन लगभग 93 हजार यात्रियों का आवागमन होता है।

आगामी 50 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर जो प्रस्तावित मॉडल तैयार किया गया है उसके अनुसार, यह उम्मीद लगाई जा रही है कि रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का आवागमन करीब एक लाख 68 हजार प्रतिदिन का होगा। वर्तमान में कुल 10 प्लेटफार्म से विभिन्न स्थानों के लिए ट्रेनों को संचालित किया जाता है। उम्मीद है कि नए स्टेशन के स्वरूप में इसमें भी कुछ बदलाव हो। मौजूदा बिल्डिंग अंग्रेजों के समय की बनाई हुई है। जिसके आगे नए स्टेशन का निर्माण होगा। जब नई बिल्डिंग पूरी तरह से सुविधा युक्त हो जाएगी तो इसे ध्वस्त किया जाएगा।

Reported By:- Ajit Singh

Posted By:- Amitabh Chaubey

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