लखनऊ (जनमत):- बाराबंकी में हुई बस दुर्घटना में तीन बच्चो समेत बस मालिक की मौत हो गयी |ये लोग भी चिड़ियाघर घुमने आये थे और वापसी के समय हादसे का शिकार हो गए इसी तरह से एक अन्य वाहन (मैजिक) में क्षमता (आठ सवारी बैठा सकते है) से अधिक बच्चे को बैठकर चिड़ियाघर जा रहा था | पीजीआई के पास पुलिस अधिकारी की नज़र पड़ी तो 35 स्कूली बच्चो और शिक्षिकाओं समेत 40 लोगो को उतारा गया |
जिस समय इनको वाहन से निकला जा रहा था | उससे अंदाज़ा लगाया जा रहा था की वे दमघोंटू माहौल में यंहा तक का सफ़र तय किया था | खास बात यह है की प्रयागराज प्रतापगढ़ और रायबरेली से होते हुए यह वाहन लखनऊ सीमा में प्रवेश कर गया लेकिन आर टी ओ से लेकर थानों की पुलिस की नज़र नहीं पड़ी | वैसे नियम तोड़कर वाहनो पर क्षमता से अधिक सवारी भरने वालो के खिलाफ कार्यवाही का अधिकार आर टी ओ के पास भी है | लेकिन दुर्भाग्य ये है की आरटीओ की टीम रात में जागती है जो अपने आप में ही कई सवाल खड़ा करती है | आरटीओ प्रवर्तन लखनऊ संदीप पंकज का जवाब था की ट्रैफिक पुलिस व् एआरटीओ को बराबर का अधिकार है ट्रैफिक पुलिस ही कार्यवाही कर रही है |अगर यातायात पुलिस को ही कार्यवाही करनी है तो आर टी ओ की टीम क्या करेगी |
वही पुलिस उपायुक्त यातायात सलमान ताज पाटिल ने बच्चो से ठसाठस भरी मैजिक को पीजीआई के पास देखा तो उनको रोक लिया बच्चो को वाहन से उतारकर मैजिक को सीज कर दिया | बच्चे भूख प्यास से बेहाल थे | पुलिस उपायुक्त ने बिस्किट और पानी बच्चो को दिया |
चालक एएस मिश्रा ने बताया की बच्चे प्रयागराज के सरस्वती ज्ञान विद्या मंदिर स्कूल के है| शिक्षिकाओं के साथ चिड़ियाघर जा रहे थे| पुलिस उपायुक्त ने प्रयागराज जा रही एक मिनी बस को रुकवाया और बच्चो को उनके घर भेजा गया |
REPORTED BY – GAURAV UPADHYAY
PUBLISHED BY – GAURAV UPADHYAY