पश्चिमी यूपी में बुखार से बच्‍चों की मौत के बाद लोगो में “दहशत”….. 

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गोरखपुर (जनमत) :- पश्चिमी यूपी में डेंगू और वायरल फीवर से हो रही बच्‍चों की मौत के बाद से पूर्वी यूपी और बिहार से इलाज के लिए आने वाले लोगों में दहशत है. हालांकि गोरखपुर में डेंगू, वायरल फीवर के साथ मलेरिया के एक भी केस अभी नहीं मिले हैं, लेकिन जेई-एईएस और टायफायड के केस बढ़ रहे हैं. सीएमओ का दावा है कि जनवरी से अ‍ब तक 103 एईएस के केस गोरखपुर में आए हैं. जिनमें 5 की मौत हुई है. हालांकि बीआरडी मेडिकल कालेज में झटके के साथ बुखार आने और टायफायड के केस बढ़ रहे हैं.आपको बता दे कि पूर्वी यूपी का गोरखपुर जिला जेई-एईएस के अलावा संक्रामक बुखार मलेरिया, टायफायड और डेंगू से हर साल ग्रसित रहता है. बरसात आते ही बुखार से पीडि़त‍ मरीजों (बच्‍चों) की संख्‍या तेजी से बढ़ने लगती है. ऐसे में बीमार बच्‍चों के साथ उनके परिजनों की मुश्किलें भी बढ़ जाती है. गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज के इंसे‍फेलाइटिस और संक्रामक रोग वार्ड में बुखार से पीडि़त बच्‍चों की संख्‍या तेजी से बढ़ रही है. इसमें झटके साथ बुखार यानी जेई-एईएस के अलावा टायफायड के भी केस आ रहे हैं. बुखार से पीडि़त बच्‍चों में कुछ गोरखपुर और आसपास के जिलों के हैं. इसके अलावा बिहार से भी बुखार से पीडि़त बच्‍चे यहां पर भर्ती हैं.

वहीँ गोरखपुर के सीएमओ के मुताबिक यहां पर कंट्रोल की स्थिति है. फीवर के केस नहीं हैं. डेंगू और मलेरिया के भी केस नहीं हैं. 4500 की स्‍लाइड बनवाई थी. इसमें एक भी पॉजिटिव नहीं आए. साथ ही जानकारी दी कि स्‍क्रब टायफस के भी केस नहीं आए हैं. पूरे जिले में एक जनवरी से लेकर अभी तक 103 केस एईएस के डिटेक्‍ट हुए हैं.हीँ स्थिति को देखते हुए गोरखपुर के जिलाधिकारी ने एडवाइस जारी की है कि नालों की सफाई के साथ दवा का छिड़काव और शुद्ध पेयजल के लिए भी कार्य किया जा रहा है.साथ ही लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि इलाज से बेहतर सावधानी और बचाव है.

PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL…

REPORT- AJEET SINGH..