मथुरा में हुई “ऑक्सीजन” की “किल्लत”…

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मथुरा (जनमत):- कोरोना काल के संकट में लगातार मथुरा जनपद में संक्रमित मरीजों की संख्या  प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जिसकी वजह से  ऑक्सीजन  गैस की भारी कमी आने लगी है  मथुरा में  ऑक्सीजन का  1 दिन का बैकअप है  ऑक्सीजन को पर्याप्त मात्रा में  पहुंचाने के लिए रात दिन जिला प्रशासन के आला अप्सरा काम करने में लगे हुए हैं.कोरोना वायरस के चलते जिले में मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. अस्पतालों में भी ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत कई गुना बढ़ गई है. आगरा-दिल्ली राजमार्ग पर स्थित ऑक्सीजन रिफिलिंग प्लांट में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए लगातार डिमांड बड़ाई गई है और प्राइवेट अस्पतालों में प्रतिदिन 15 से 20 टन की डिमांड भी आ रही है। जनपद में दो ऑक्सीजन रिफिलिंग प्लांट आगरा-दिल्ली राज्य मार्ग रिफाइनरी क्षेत्र में लगे हुए हैं।

एक प्लांट में 20 टन ऑक्सीजन स्टोर की जाती है. सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की डिमांड 20 गुना बढ़ गई है. जिला अस्पताल में प्रतिदिन 20 ऑक्सीजन सिलेंडर की डिमांड होती है. वहीं, प्राइवेट अस्पताल नियति में 400 सिलेंडर की डिमांड होने लगी है.रिफिलिंग प्लांट में प्रतिदिन 20 टन ऑक्सीजन अन्य राज्य हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड से आ जाती थी, लेकिन अब  सिर्फ उत्तराखंड से ही ऑक्सीजन की गाड़ी आ रही है. 20 टन ऑक्सीजन में तबरीबन 2 हजार सिलेंडर भरे जा सकते हैं. जनपद में सप्लाई होने के बाद स्टोर में  सिलेंडर इमरजेंसी के लिए रखे रहते हैं।

रिफिलिंग प्लांट सुपरवाइजर ने बताया कि जनपद में अचानक ऑक्सीजन की डिमांड कई गुना बढ़ गई। जहां ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ी है वहीं कीमत में भी बढ़ोतरी हुई है। ऑक्सीजन की डिमांड हॉस्पिटल के लेटर पैड और डॉक्टर की पर्ची के माध्यम से पूरी की जाती है जहां कहीं भी ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है वहां ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराए जा रहे हैं।  प्लांट में ऑक्सीजन की कमी नहीं है लगातार सप्लाई जारी है। वायरस के बढ़ते प्रकोप को लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयारियां की गई हैं. इमरजेंसी हालातों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में  बेड तैयार रखे हैं. वहीं  वेंटीलेटर भी उपलब्ध है।

वही जब इस मामले में सीएमओ मथुरा से पूछा तो पहले तो वह जानकारी देने से कतराते हुए नजर आए और पत्रकारों से cmo रचना गुप्ता के केविन में बैठे स्वास्थ के डॉ ने गलत भाषा का प्रयोग करते हुए कहा कि हमे काम नही करने देते है हम भी पॉजिटिव हो जाएंगे । आप हर जगह घूमते है ।वही तमाम प्रयास के बाद cmo रचना गुप्ता ने अपनी बात रखी उन्होंने कहा कि जनपद में 10 टन ऑक्सीजन की हर रोज की खपत है लेकिन वही जब सीएमओ से जनपद में ऑक्सीजन के स्टॉक की जानकारी लेनी चाही तो उनके पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं था। 

लगातार मथुरा में 300 से अधिक संक्रमित मरीजों की संख्या  सामने आ रही है ऐसे में सवाल लाजमी है कि स्वास्थ विभाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पास ऑक्सीजन की सही मात्रा बताने के लिए कोई शब्द नहीं है ऐसे में कभी भी ऑक्सीजन कमी के कारण संक्रमित मरीजों के साथ एक बड़ी जनहानि हो सकती है आखिरकार इसका जिम्मेदार फिर कौन होगा इतना ही नहीं CMO रचना गुप्ता कैमरे के सामने ही अपनी यह बात नोडल अधिकारी राजीव गुप्ता के ऊपर टालते  हुए पल्ला झाड़ लिया खुद जिले के स्वास्थ बिभाग के मुखिया को ऑक्सीजन गैस के बारे में जानकारी नही है फिर मथुरा में ऑक्सीजन जरूरत मंदो का क्या हाल होगा  ।