बैंड..बाजा…बारात की “कोरोना” ने बजाई “बैंड”…

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यूपी स्पेशल (जनमत) :-  आगे बाराती पीछे बैंड बाजा आये दुल्हे राजा गोरी खोल दरवाजा…. अब ये सब और बारात के गाने सुनने को केवल ऑनलाइन ही मिलते हैं चुकी कोरोना ने जहाँ जीवन दुश्वार कर दिया वहीँ बैंड बाजा बारात की तो लगभग बैंड बजाकर रख दी. अक्षय तृतीया के इस दिन सबसे ज्यादा शादियां होती हैं लेकिन दो साल से सब कुछ बदल गया है। इसका सबसे बड़ा असर शादी समारोहों से जुड़े लोगों पर हो रहा है। बैंड बाजा कारोबार का तो बैंड ही बज चुका है। बहुत लोगों ने शादियां टाल दी हैं। जो कर रहे हैं, उनके लिए नियम बहुत हैं। वहीँ मौजूदा स्थिति यह है कि घर चलाने के लिए किसी ने घोड़ी बेच दी तो किसी ने बैंडबाजा।

वहीँ ऐसे में अब बैंडबाजा बजाने वाले कारीगरों के पास कोई काम नहीं बचा है। पिछले साल के अंत और इस साल की शुरुआत में कोरोना के मामले कम होने पर से मई माह में काफी शादियां बुक थीं। मामले दोबारा बढ़ने पर लॉकडाउन लगा और कई शादियां टल गईं।  ऐसे में बैंडबाजे वालों और घोड़ी वालों का कारोबार ठप हो गया है।

सुरेश बैंड घोड़ी वाला के मालिक सुरेश कुमार काम धंधा न होने से आहत हैं। घर का खर्चा चलाने के लिए मजबूरी में मैंने अपनी दो घोड़ी आधे रेट में बेच दीं। एक घोड़ी की कीमत डेढ़ लाख रुपये थी, जबकि दूसरी घोड़ी की कीमत 80 हजार रुपये थे। वे कहते हैं कि हालात बहुत खराब चल रहे है।एक घोड़ी अप्रैल में 50 हजार और दूसरी घोड़ी इसी महीने में 40 हजार रुपये में बेची है। हालांकि अभी घोड़ी खरीदने वाले ने पूरा पेमेंट नहीं किया है। अब देखना ये होगा कि माहौल कब तक ठीक होता हैं चुकी अब इस कारोबार से जुड़े लोगो को तो रोटी के लाले ही पड़ गएँ हैं.

PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL…

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