हाता परिवार के सपा में शामिल होने की चर्चा से पूर्वांचल का सियासत हुआ गर्म

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गोरखपुर (जनमत):- दिसम्बर की सर्द सुबह में प्रदेश का सियासी तापमान तब चढ़ गया जब प्रदेश की राजनीति में खास दखल रखने वाले तथा  मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर के हाता परिवार के सपा में शामिल होने की खबर आयी।

पूर्वांचल में हाता किसी के परिचय का मोहताज नही, पर बता दे कि हाता प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री व ब्राह्मण राजनीति के क्षत्रप पँ हरिशंकर तिवारी का आवास है। वे अपने भांजे व पुत्रो के साथ यही सियासत करते हैं। पूर्वांचल के ब्राह्मण इसे अपने शक्ति के प्रतीक के रूप में देखते हैं। हरिशंकर तिवारी का पूर्वांचल के ब्राह्मण समाज में बहुत मान सम्मान है, उनके सक्रिय राजनीति से हटने के बाद उनके दोनों पुत्रों व भांजे ने उनकी राजनीतिक विरासत को बखूबी सम्हाला है।

आपको बता दें की गणेश शंकर पाण्डेय उत्तर प्रदेश विधान परिषद के पूर्व सभापति रहे हैं, जो कि हरिशंकर तिवारी के सगे भांजे है। उनकी छवि एक ईमानदार व लोकप्रिय राजनेता की रही है। उनके बड़े पुत्र भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी जो कि संतकबीरनगर के पूर्व सांसद हैं और छोटे पुत्र विनय शंकर तिवारी चिलुपार के वर्तमान विधायक है। ये अपने क्षेत्र में काफी सक्रिय रहते हैं। कॅरोना व बाढ़ के समय इन्होंने लोगो की भरपूर मदद की थी।

बसपा को लगेगा झटका-

बसपा को एक के बाद एक नेताओ के पार्टी छोड़ के जाने से जहाँ उसकी सोशल इंजीनियरिंग पर खतरा मंडरा रहा है वही चुनाव के ठीक पहले पूर्वांचल के तीन दिग्गज ब्राह्मण नेताओं के पार्टी से जाने पर सतीश मिश्र के  ब्राह्मण एकजुटता को भी बट्टा लगेगा। पार्टी इस घटना को सामान्य घटना नही कह सकती इसकी भरपाई करने में उसे कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी

भाजपा की भी मुश्किलें बढेगी-

पूर्वांचल की राजनीति में दिलचस्पी लेने वाले इस घटनाक्रम को एक बड़े राजनीतिक बदलाव का संकेत मान रहे हैं। यद्यपि की ये तीनों नेता बसपा के सियासी घर मे आग लगायी है, लेकिन इसकी तपिस से ब्राह्मण विरोध झेल रहे भाजपा भी महफूज नही है। दरअसल भाजपा से ब्राह्मण समाज नाराज चल रहा है, ऐसे में यह बात महत्वपूर्ण हो जाती हैं कि हरिशंकर तिवारी राजनीतिक रूप से किसके साथ है। वह व उनका राजनीतिक कुनबा जिस ओर जायेगा उनकी जमात का एक बड़ा वर्ग उधर झुकेगा।

राजनीतिक विश्लेषक बताते है कि इस परिवार के सपा में शामिल होने से गोरखपुर समेत बस्ती, संतकबीरनगर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज समेत बलिया, मऊ, गाजीपुर, बाराबंकी, गोण्डा, बलरामपुर में व्यापक असर पड़ेगा। जिसका लाभ यकीनन पूर्वांचल में कुछ कमजोर  चल रहे सपा को होगा, जिससे सपा की सीटें पूर्वांचल में बढ़ जाएगी।

Posted By:- Amitabh Chaubey

Reported By:- Naveen Mishra