जब तक है दम साँसों में, महफ़ूज हिन्दोस्तां रहे…

करियर

करियर (जनमत):- इन दिनों हिंदी साहित्य जगत में एक युवा कवि की रचनाओं ने धूम मचा रखी है जिनका नाम है सुयश कुमार द्विवेदी…. इनकी ओजेस्वी और प्रेरणादायक कवितायेँ जहाँ हृदयविदारक है वहीँ कहीं न कहीं आम जनमानस से खुद को जोड़ने का प्रयास भी करती है, आईये रुबरु होतें है इनकी कृतियों से —

ख़्वाहिश है उनकी बस ये,
आबाद ये गुलिस्तां रहे;
जब तक है दम साँसों में,
महफ़ूज हिन्दोस्तां रहे;

चंद गीदड़ों की ख़ातिर,
फ़िर शेरों ने दी शहादत,
कायर भला क्या जाने,
शूरवीरों की है ये आदत,

शत शत नमन है तुमको,
माँ भारती के वीरों,
है जब तलक हिन्दोस्तां,
तुम ही हो इसके हीरो,

करतूतों से पाक के तो,
देश परेशान हो रहा है,
गीदड़ को मारने में,
शेरों के नुकसान हो रहा है,

हृदय बहुत ही विचलित,
है मन बहुत ही भारी,
इनका संहार करने को,
आर पार की है बारी;

सुयश कुमार द्विवेदी

Posted By:- Amitabh Chaubey