यमलोक से जिंदा आये ज़िन्दा बाबा

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कानपूर(जनमत). मौत यानी ब्रहमांड का सबसे बड़ा सच “जो आया है उसे मरना ही है” यानी हर जानदार शह को मौत का मज़ा चखना है लेकिन ज़रा तसव्वुर कीजिये कि अगर कोई शख्स की मौत हो जाए उसकी समाधि बनाने की तैयारी हो चुकी हो बस उसे समाधि पर लिटा कर अंतिम दर्शन देना बाकी हो और समाधि पर लेटा शख्स ज़िन्दा हो जाए तो  मंज़र कैसा होगा जी हां कानपुर देहात में कुछ ऐसा ही मंज़र देखने को मिला जहा 115 साल के बुजुर्ग बाबा मारने के 4 घंटे बाद ज़िन्दा हो गए|

जी हा , ये कोई कहानी नही बल्कि सच्चाई है, जिसे जिस शख्स ने सुना वह हैरतंगेज़ राह गया और बाबा के दर्शन करने के लिए चल पड़ा दरअसल एक 115 साल के बाबा की मौत हो गयी समाधि बनाने की पूरी तैयारी हो गयी बस बाबा को समाधि में लिटाने में कुछ क्षड़ बाकी थे कि चमत्कार हो गया मृत बाबा ज़िन्दा हो गए इसे लोग भगवान का चमत्कार मान रहे है 115 साल की उम्र के बाबा की मौत होती है और कैसे चार घण्टे के बाद वो जिंदा हो जाते है|

मामला रसूलाबाद क्षेत्र के असालतगंज का है जहाँ करीब पांच हजार वर्षों पुराना द्रोदश्वर मंदिर बना है जहाँ 20 सालो से कही से आए हुए नारयण बाबा उस मंदिर की देख रेख किया करते थे  मंदिर में  शंकर भगवान की स्थापना है जिसकी वह पूजा भी किया करते थे और बाबा कभी भी इस मन्दिर में अकेला बच्ची और लड़कियों को नही आने देते वो हमेशा उन्हें मंदिर में अकेला देख भगा देते  थे गांव वालों की माने तो बाबा की उम्र 115 साल की है लेकिन उनको यह नही पता कि बाबा कौन है कहा से आए है लेकिन लोग उन्हें नारायण बाबा के नाम से बुलाते है पिछले कुछ महीनों से बाबा की तबियत खराब चल रही थी वह किसी को पहचान भी नही रहे थे कल उन की तबियत ज्यादा खराब हो गई जब डॉक्टरों को दिखाया तो उनको मृत बता दिया लोग उन की समाधि की तैयारिया मंदिर में करने लगे फूल माला सहित सब तैयारियां हो चुकी थी कि चार घण्टे बाद बाबा अचानक जिंदा हो गए और वह बैठ गए|

सब लोग तब से इसे चमत्कार मान रहे ओर अब जब से लोग इस घटना को सुन रहे है वह बाबा को देखने आ रहे है हालांकि बाबा कुछ बोल नही रहे बल्कि  खाने में   फल  खा  रहे है गांव वालो का कहना है कि बाबा नारायण ने कई सालों पहले से ही अन्न खाना भी छोड़ दिया था बहरहाल बाबा अब मंदिर में पहले की तरह से ही रह रहे है   लेकिन बोल नही रहे है|  बहरहाल 115 साल के बुज़ुर्ग नारायण बाबा का मौत के 4 घंटे बाद ज़िन्दा होना लोगो के लिए किसी चमत्कार से कम नही है और बात अगर आस्था की हो तो लोगो का हुजूम लगना लाज़मी है फिलहाल बाबा ठीक है लेकिन कुछ बोल नही रहे है सब इनतिज़ार कर रहे है कि बाबा कुछ बोले तो पता चले कि आखिर माज़रा क्या था|