……अगर ऐसा ही रहा तो “भगवान बुद्ध भी श्रीलंका को नहीं बचा पाएंगे”..

देश – विदेश

देश/विदेश (जनमत) :- हाल ही में हुएं आतंकी हमलों ने जहाँ पडोसी देश श्रीलंका को हिलाकर रख दिया था वहीँ अब मुसलमानों के प्रति सरकार के बदले रुख ने इस पडोसी देश में एक नयी तरह की बहस छेड़ दी है. जीससे नाराज वहां के सभी नौ मुस्लिम मंत्रियों और दो प्रांतीय गवर्नरों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीँ यहाँ के स्थानीय समाचार के मुताबिक मुस्लिम मंत्री भेदभाव के शिकार हो रहे हैं। वहीँ इस पर श्रीलंका के एक अन्य हिंदू नेता ने बयान दिया है कि यदि सरकार बौद्ध संन्यासियों के हिसाब से चलेगी, तो गौतम बुद्ध भी देश को बचा नहीं पाएंगे। इसपर विचार करने बेहद जरूरी हो जाता है जिसके बिना हम इस देश को नहीं बचा पाएंगे और आतंकवाद को किसी धर्म के पर्याय से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए चुकी आतंक का कोई भी धर्म और मजहब नहीं होता है इसलिए इस हमले के प्रति किसी भी धर्म के व्यक्तिके साथ किसी प्रकार का भेदभाव हरगिज नहीं किया जा सकता है.

आपको बता दे कि मुसलमान मंत्रियों के इस्तीफे की पूरे श्रीलंका में निंदा हो रही है। वरिष्ठ नेताओं ने भी बौद्ध भिक्षुओं की मांगों की आलोचना की है। दरअसल बौद्ध बहुल श्रीलंका में प्रभावशाली बौद्ध भिक्षु अथुरालिये रतना इन मंत्रियों के इस्तीफे के लिए आमरण अनशन पर बैठ गए थे। वह राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना से इन मंत्रियों को हटाने की मांग कर रहे थे। जिसे लेकर उनके ऊपर भी दबाव् बना हुआ था.