रेलवे के कर्मचारियों पर गिरेगी “बेरोजगारी” की गाज

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देश विदेश (जनमत):- देश की सरकार जहाँ विकास की परियोजनाओं को तेज करने का दावा कर रही है वहीँ  देश के साथ ही पूरे विश्व में सबसे ज्यादा रोजगार प्रदान करने के लिए जाने  वाला रेलवे विभाग अब सरकार के फैसलों को लेकर असंतुष्ट नज़र आने लगा है| वही अब सरकार ने रेलवे में सुधार के नाम पर कर्मचारियों की संख्या 50 फीसदी तक  घटाने का प्रस्ताव तैयार किया है। रेलकर्मियों के लिए आकर्षक-लाभप्रद स्वैच्छिक रिटायरमेंट योजना लागू की जाएगी और आउटसोर्सिंग को बढ़ावा दिया जाएगा।

अभी हाल में रेल मंत्री पीयूष गोयल की नेतृत्व में  भारतीय रेल में सुधार के नाम पर एक कार्यक्रम किया गया जिस में यह बात सामने आई है। रेलवे का 60 फीसदी पैसा कर्मचारियों के वेतन, भत्ते व पेंशन पर खर्च हो रहा है। इसे कम करने की योजना है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय रेलवे अब चीन के जैसे ही विकाश कार्यों को आगे बढाना चाहती है| चीन में लगभग 1 लाख 60 हजार किलोमीटर रूट पर केवल 7 लाख रेलकर्मी ही ट्रेन चला सकते हैं|

भारत में अभी 1 लाख 7 हजार किलोमीटर  रूट पर 22 हजार ट्रेन और मालगाड़ियां चलती हैं और लगभग 13.80 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं। भारतीय रेलवे में तीस वर्ष उम्र तक नौकरी कर चुके अथवा पचपन  वर्ष  उम्र के  कर्मचारियों पर अनिवार्य-आसामयिक रिटायरमेंट की तलवार पहले से ही लटकी हुई। ऐसे C व D  वर्ग के कर्मचारियों का आंकडे  तैयार किया जा रहा है। सरकार फंडामेंटल रूट के सेक्शन-56 के  अंतर्गत कर्मचारी को बाहर कर सकती है|

Posted By:- Amitabh Chaubey