लखनऊ (जनमत) :- राम मंदिर जो एक समय भाजपा का नारा ही नहीं बल्कि भाजपा के लिए संजीवनी हुआ करता था और जिसके बल बूते पार्टी ने दिल्ली तक अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. वहीँ संतो ने आरोप लगाया है की सरकार अपना वादा भूल गयी है और सरकार राम को भूल गई है। जब उच्चतम न्यायलय में सरकार एससी/एसटी एक्ट के लिए बिल ला सकती है तो अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए कानून क्यों नहीं ला रही है. आखिर ऐसा भेदभाव क्यों किया जा रहा है.
संतो ने आरोप लगाया है कि भाजपा राम के नाम पर सत्ता में गई अब राम को पूरी तरह से भूल चुकी है । सरकार जानबूझ कर मामले को टालने की कोशिश में लगी हुई है। राम भक्त इसे स्वीकार नहीं करेंगे। श्री रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा की भाजपा सरकार जब सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को नकार कर बिल ला सकती है। तो अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए बिल क्यों नहीं ला सकती। सरकार अब न तो राम मंदिर पर कुछ भी बोलना चाहती है और न ही राम मंदिर के निर्माण के लिए अग्रसर ही नज़र आ रही है .