गुड बनाने में होता हैं जूते-चप्पल का प्रयोग...

गुड बनाने में होता हैं जूते-चप्पल का प्रयोग…

UP Special News

मुजफ्फरनगर(जनमत). जहा केंद्र और राज्य सरकार देश प्रदेश को प्रदूषण मुक्त करने मे दिन रात एक कर रही है और प्रदूषण फैला रही फेक्टरी कारखानो पर लगाम कसते हुए कई फेक्टरी व कारखाने बंद करने का काम किया है व अन्य प्रदूषण फैला रहे उद्योगो पर सिकंजा कस देश प्रदेश को प्रदूषण मुक्त करने मे कोई कसर नहीं छोड़ रही है तो मुजफ्फरनगर मे इसका बिलकुल उल्टा देखने को मिला रहा है|

लगभग 35 लाख की आबादी वाले जनपद मुजफ्फरनगर मे 500 से भी ज्यादा गुड बनाने वाले कोल्हू व एक हजार से भी ज्यादा ईट भट्टा मालिको की मनमानी के चलते प्लास्टिक पोलोथीन कटे फटे टायर व जूते चप्पलों को कोल्हू व ईट भट्टो मे झुकाई कर जनपद मुजफ्फरनगर को प्रदूषित करने मे कोई कसर नहीं छोडी जा रही है और ईट भट्टा मालिको व गन्ना कोल्हू मालिको की इस मनमानी के चलते साफ तौर पर ढिखाइ पड रही है की सरकार की इस मुहिम को इन लोगो द्वारा पूरी तरह से पलीता लगाया जा रहा है इस संबंध में जब मुजफ्फरनगर पोलुशन अधिकारी से बात करनी की कोशिस की गई तो वो मीडिया के सवालो से बचते नज़र आए और कोई संतुष्ट जवाब नहीं दे पाये|

आपको बतादे की जनपद मुजफ्फरनगर मे एशिया की सबसे बड़ा गुड मंडी भी स्थित है और यहा का बनने वाला गुड देश भर मे बहुत प्रसिद्ध है अब सवाल यह है की जूते चप्पल व पोलोथीन जलाकर बनाया गया गुड स्वादिष्ट व बीमारी हीन होगा या इस तरह का गुड वाके मे भारत मे फैमस होने लायक है|