पीएफआई पर पुलिस की बढ़ी कार्यवाही

पीएफआई पर पुलिस की बढ़ी कार्यवाही

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लखनऊ(जनमत):- सीएए और एनआरसी के विरोध के नाम पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में हिंसक  घटनाओं को अंजाम देने के पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इण्डिया नाम का संगठन था। यह  खुलासा जाँच एजेंसियों ने दिसंबर में ही लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में हुई संगठन के 25 आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद कर दिया था। इसी मामले में विवेचना के दौरान कई और नाम सामने आये जिनकी गिरफ़्तारी के लिए 4 दिन का अभियान चलाकर 108 अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। इस बात की जानकारी पुलिस मुख्यालय में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपर सचिव  गृह और डीजीपी ने दी। हालांकि संगठन पर प्रतिबंध कब लगेगा इस पर कोई चर्चा नहीं हुई लेकिन यह जरूर बताया गया कि अभियान निरंतर चलता रहेगा। साथ ही पीएफआई की फंडिंग की जाँच के लिए केंद्रीय एजेंसियों का भी सहयोग लिया जायेगा।

                हितेश चंद्र अवस्थी ( पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश )

नागरिकता संशोधन कानून की आड़ में वर्ष 2019 के दिसम्बर महीने में लखनऊ समेत प्रदेश के कई जनपदों में हुई आगजनी, तोड़फोड़, फायरिंग और हिंसा की घटना प्रायोजित थी। कानून की आड़ में प्रदेश को आग में झोकने की तैयारी काफी समय पहले कर ली गई थी और इसके पीछे पीएफआई संगठन का हाथ था। घटना के बाद पुलिस ने लखनऊ समेत कई जनपदों से 25 आरोपियों की गिरफ़्तारी की थी। जिसमे पीएफआई संगठन का यूपी प्रभारी वसीम अहमद भी था। इसी मामले की विवेचना के दौरान अन्य आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए 4 दिन का अभियान चलाकर 108 आरोपियों की गिरफ़्तारी की गई है । इस बात की जानकारी लखनऊ के सिग्नेचर बिल्डिंग में स्थित पुलिस मुख्यालय में प्रदेश के अपर सचिव गृह अवनीश अवस्थी और कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी ने संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान दी। अपर सचिव गृह ने कहा कि राज्य सरकार की जानकारी में डीजीपी की अध्यक्षता के बाद चलाये गए अभियान में आरोपियों की गिरफ़्तारी हुई है। साथ ही यह भी कहा कि मामले की जाँच जारी रहेगी।

डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने बताया कि 2001 में सिमी पर प्रतिबंध लगने के बाद दक्षिण भारत के केरल ने कुछ संगठनों को मिलाया और वर्ष 2006 में पीएफआई का गठन कर दिया। देश विरोधो गतिविधिओं में शामिल यह सगठन उत्तर प्रदेश के शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बाराबंकी, गोण्डा और सीतापुर समेत कई जनपदों में सक्रिय है। संगठन के सदस्यों की गिरफ़्तारी के लिए 4 दिन के अभियान में लखनऊ 14, सीतापुर 3, मेरठ 21, गाजियाबाद 9, मुफ्फरनगर 6, शामली 7, बिजनौर, 4, वाराणसी 20, कानपुर 5, गोण्डा 1, बहराइच 16, हापुड़ 1 और जौनपुर से संगठन के 1 सक्रिय सदस्य की गिरफ़्तारी हुई है। डीजीपी ने यह भी बताया कि इस मामले में जाँच और कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।

Posted By:- Amitabh Chaubey