फरियादियो को भगाना पुलिस कर्मियों को पड़ेगा महंगा

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लखनऊ(जनमत). थानों और चौकियों पर फरियादियो की सुनवाई न करने वाले पुलिस कर्मियों की अब खैर नहीं। ऐसे पुलिस कर्मियों को आगाह करते हुए लखनऊ के एक पुलिस अधिकारी ने अपने अधिकार क्षेत्र के थानों और चौकियों में अपने नाम के साथ एक इश्तिहार लगवा दिया है। इसमें लिखा गया है कि अगर पीड़ितों की थानों और चौकियों में सुनवाई नहीं हो रही है तो वह सीधा उनसे सम्पर्क कर सकता है। ऐसा होने पर पीड़ित की मदद की जाएगी। पुलिस अधिकारी के इस कदम के पीछे की वजह यह बताई जा रही है कि ऐसा करने से न सिर्फ पीड़ितों को मदद मिलेगी बल्कि पुलिस को भी भय रहेगा कि उनको वहा से न भगाया जाये। आमतौर पर अक्सर सुनने में आ जाता है कि थानों और चौकियों पर आम जनता की सुनवाई नहीं होती। इस शिकायतों को देखते हुए लखनऊ के अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी सुरेश चंद्र रावत ने अपने अधिकार क्षेत्र के 9 थानों और 22 चौकियों में अपना सरकारी नंबर लिखा हुआ इश्तिहार लगवा दिया है।

इसमें लिखा है कि अगर आप थाना / चौकी द्वारा की गई पुलिस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है तो उनके नंबर पर काल कर या फिर उन्हें व्हाट्सअप कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है। ऐसा कदम क्यों उठाना पड़ा इसका खुलासा खुद पुलिस अधिकारी सुरेश चंद्र रावत ने किया है। अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी ने बताया कि अगर कोई पुलिसकर्मी आम जनता की बात नहीं सुन रहा है या उनकी शिकायतों को नहीं दर्ज कर रहा है तो वह उनके नंबर पर फोन करके सीधे ही उनसे शिकायत कर सकता है। साथ ही पुलिस अधिकारी ने बताया कि इससे उन पुलिसकर्मियों के अंदर भी भय पैदा होगा जो अपने काम के प्रति ईमानदार नहीं है। पुलिस अधिकारी सुरेश चंद्र रावत की इस पहल को जनता से सीधे जुड़ना बताया जा रहा है। हालांकि यह पहल कितने दिनों तक चलती है और आम आदमी को इससे कितनी राहत मिलेगी यह समय पर निर्भय है।