गणतंत्र पर भारी है “खनन माफियाओं” का “गैंग-तंत्र”

CRIME UP Special News

बांदा (जनमत) :- प्रदेश में खनन माफिया अपने अनैतिक और अवैध काम करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं। इन खनन माफिया का पेट ईमानदारी से काम करने में नहीं भरता, जब तक सरकारी राजस्व की चोरी न कर ले इनका खाना हजम नहीं होता अफसरों की शख्ती के साथ साथ यह लोग नए नए तरीके निकालते हैं जिससे यह सरकारी राजस्व की चोरी कर सकें इन माफियाओं ने ऐसा ही एक तरीका इजाद किया है बुंदेलखंड के बांदा में इसे कहते हैं गैंग तंत्र।

सरकारी अफसरों की कार्रवाई से बचने के लिए माफियाओं ने अफसरों की रेकी करने के लिए अपनी पूरी टीम खड़ी कर दी है और स्थानीय भाषा में इन्हें टक्का यानी के ताकने वाला दूसरी भाषा में कहें तो लोकेशन बाज कहेतें. और इनका काम होता है अफसरों की निगरानी करना घर से निकलने से लेकर अफसर का मूवमेंट किस किस दिशा में किन-किन सड़कों में है यह सारी जानकारी एक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से तमाम अनैतिक और अवैध काम में लिप्त लोगों तक पहुंचाना जिसे अवैध रूप से खनिज ट्रांसपोर्ट कर रही गाड़ियों को अधिकारियों की नजर से बचा कर निकाला जा सके।

यह इन्फॉर्मर गैंग(तक्के) रात होते ही बाइक और कार में बैठकर पूरी सड़कों में धमा चौकड़ी मचाते रहते हैं। तक्कों का यह तंत्र एक प्रकार से अंडरवर्ल्ड गिरोह की तरह काम कर रहा है और यह लगातार प्रशासन के लिए चुनौती और ईमानदार अफसरों के लिए खतरा बना हुआ है तक्का गैंग मे छोटे बड़े मिलाकर लगभग 100 से अधिक सदस्य होते हैं  इस तरह से तकको का नेटवर्क पूरे जिले में फैला हुआ है और कभी कभी ये अफसरों पर ही हमला कर देता है और अवैध खनन में इनकी पूरी संलिप्तता होती है,

posted By:- Ankush Pal,

Reported By:- Durgesh Kashyap,Banda.