रिसर्च एंड डेवलपमेंट को बाधित किया तो हम पिछड़ जाएंगे : सीएम योगी

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गोरखपुर (जनमत) :-  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जन स्वास्थ्य की रक्षा सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए वह बेहतरीन हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर दे रही है। बीमारी का सिर्फ इलाज ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि हमें बीमारी के मूल कारणों का भी पता लगाना होगा ताकि उसे पनपने से ही रोका जा सके। इस संदर्भ में चिकित्सकों और चिकित्सा शिक्षकों की जिम्मेदारी बनती है कि वह इलाज करने के साथ ही शोध-अनुसंधान को बढ़ावा दें। सरकार इस दिशा में किसी भी तरह की कमी नहीं होने देगी।

सीएम योगी शनिवार को बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इंसेफेलाइटिस को लेकर किए गए अपने संघर्ष का स्मरण करते हुए कहा कि 1998 से इस मुद्दे पर जनांदोलन खड़ा किया गया लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह थी कि इंसेफेलाइटिस पर एक भी रिसर्च पेपर नहीं था। चिकित्सकों के लिए एक-एक मरीज शोध का केंद्र होता है। वे अपने दैनिक कार्यों को करते हुए शोध को आगे बढ़ा सकते हैं। चिकित्सा शिक्षा के छात्र लैब और लाइब्रेरी तक ही सीमित न रहें। ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर बीमारी का कारण पता करें, रिसर्च पेपर तैयार करें। पास आउट डॉक्टर्स अपने अनुभव के आधार पर रिसर्च पेपर बनाएं। राज्य सरकार उनके अनुभवों और सुझावों को देखेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजकीय मेडिकल कॉलेजों से सरकार की अपेक्षा रहती है कि चिकित्सक बेहतरीन कार्य करें और नए शोध को आगे बढ़ाएं। रिसर्च एंड डेवलपमेंट को बाधित किया गया तो हम पिछड़ जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर व फैकल्टी का अभाव नहीं है। जरूरत इसके अनुरूप पाठ्यक्रमों के संचालन व शोध कार्यों को बढ़ावा देने की है। इस पर ध्यान देकर बेहतरीन परिणाम हासिल किया जा सकता है। शोध से हम समूचे चिकित्सा व्यवस्था को नई ऊंचाई दे सकते हैं।

सीएम योगी ने कहा कि हम सब ने सदी की महामारी कोरोना का देखा है। संवेदनशील व्यवहार व समय पर लिए गए निर्णय के दम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पूरी दुनिया के सामने कोरोना प्रबंधन का शानदार मॉडल प्रस्तुत किया है। अमेरिका और यूरोप भले ही हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में बहुत आगे हो लेकिन कोरोना प्रबंधन में भारत उनसे बहुत आगे रहा है। अमेरिका की आबादी भारत की आबादी की एक चौथाई है लेकिन वहां कोरोना से दोगुनी मौतें हुई। यूरोप में भी मौत के आंकड़े चौंकाने वाले थे। देश की 135 करोड़ आबादी पीएम मोदी के नेतृत्व में कोरोना की आहट के साथ ही तैयार थी। प्रधानमंत्री ने न केवल कोरोना के मुफ्त उपचार, जांच व वैक्सीन की व्यवस्था की बल्कि महामारी के साइड इफेक्ट भुखमरी से भी देश को बचाया। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन पूरी दुनिया में सिर्फ भारत में ही दिया गया। उन्होंने कोरोना के उपचार व रोकथाम के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल की भी सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना प्रबंधन से बहुत कुछ सीखने को मिलता है इसके मॉडल को हम दैनिक जीवन में भी ले सकते हैं।

PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL…