रेल टिकट किराये का अजब खेल

रेल किराये के विवाद के बीच सीएम योगी की पहल पर प्रवासी मजदूरों की हुई घर वापसी

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गोरखपुर (जनमत):- वैश्विक महामारी कोविड – 19 में देश इन दिनों लॉकडाउन में है। इससे पहले मार्च महीनें के आखिरी दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवाहन पर देश ने जनता कर्फ्यू का पूरी तरह से पालन किया था। इसके बाद ही पीएम मोदी टीवी पर आते है और देश में लॉकडाउन की घोषणा कर देते है। अचानक लॉक डाउन किये जाने से जो जहा था वही फसकर रह गया। फसे हुए में लोगों में तमाम तो ऐसे भी थे जिन्होंने सरकार से अपने घर जाने की गुहार लगाईं थी लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई। लॉकडाउन की वजह से जो जहा था वो वही पर कैद होकर रह गया। एक ही जगह पर फसे लोगों में कई तो कोरोना के मरीज थे लेकिन उनको इस बात का इल्म नहीं था। नतीजा यह रहा कि देखते ही देखते तमाम लोग कोरोना के शिकार हो गए। दिल्ली का निज़ामुद्दीन मर्कज़ इसका सबसे बड़ा उदहारण है।

इस बीच लॉक डाउन में फंसे लोगों को इंतज़ार था कि यह हटेगा तो वह अपने घर जा सकेंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं। लॉक डाउन का जब प्रथम चरण पूरा होने ही वाला था तभी अचानक देश के पीएम मोदी फिर टीवी ओर आते है और लॉक डाउन को बढाने का एलान कर देते है। दूसरा चरण भी समाप्त होने वाला था कि इस बार पीएम मोदी टीवी पर तो नहीं आये लेकिन केंद्र सरकार की एडवाइजरी जारी जरूर हो गई कि लॉकडाउन 17 मई तक बढ़ाया जा रहा है। हालांकि इस बीच लोगों को तमाम तरह की सहूलियतें भी मिली। जिसका असर सड़को पर देखा भी जा रहा है। लोगों को जो सहूलियतें मिली थी उनमे लोगों की घर वापसी भी एक थी। ऐसे में सरकारों के साथ ही विपक्षी पार्टी के नेताओं ने भी प्रवासी मजदूरों की घर वापसी पर उनका रेल किराया देने की बात कही। हालांकि इनके दावों के इतर जो प्रवासी मजदूर या फिर अन्य लोग जो रेल से आ रहे है उनसे किराया वसूला जा रहा है।

ट्रेन से आने वाले यात्री ही टिकट दिखाकर इस बात की तस्दीक कर रहे है कि उनसे किराया वसूला गया है। अब सत्य कौन बोल रहा है मजदुर या रेल प्रशासन? फिलहाल हमारी खबर का विषय किसी का दावा या फिर वायदा नहीं है। हमारा विषय है रेल से लम्बी दूरी तय कर उत्तर प्रदेश के जनपद गोरखपुर पहुंचे रेल यात्री। गोरखपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे रेल यात्रियों ने किराये से संबंधित अपना – अपना दुखड़ा तो जरूर सुनाया लेकिन इसके बाद भी यहाँ उनके चेहरों पर संतोषजनक भाव दिखें। वजह यह थी कि गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर जब यात्री पहुंचें थे तो यहाँ के जिला प्रशासन द्वारा पहले से ही मुकम्मल तैयारी की जा चुकी थी। मसलन रेल यात्रियों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए बसों का इंतजाम आदि करना। जो जिस जगह का रहने वाला था उसके लिए बसों का इंतजाम तो किया ही गया साथ ही उनके खाने के लिए फल, बिस्किट,लाई, भूजा और पानी का भी इंतजाम किया गया था।

और हाँ यहाँ पर जिला प्रशासन या फिर उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से जो सुविधाएँ यात्रियों को दी गई थी वो पूरी तरह से निःशुल्क थी। न किसी से रोडवेज बसों का किराया वसूला गया और न ही खाने के सामान का पैसा लिया गया। यही वजह थी प्रवासी मजदूरों के चेहरों पर संतोषजनक भाव थे और ख़ुशी भी कि जल्द ही अब उनकी घर वापसी होगी।

Posted By:- Amitabh Chaubey