नेपाल में खाद्य तस्करी के लिए नाबालिगो का किया जाता है इस्तेमाल

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सिद्धार्थनगर (जनमत):-  अलग -अलग चीजों की  तस्करी को लेकर नेपाल देश अक्सर सुर्खियों में रहता है ऐसा बताया जाता है कि नेपाल में प्याज, चीनी, लहसुन, सब्जी जैसी खाद वस्तुओं का उत्पादन नहीं होता| नेपाल के लोग अधिकांश भारतीय खाद्य पदार्थ पर निर्भर रहते  है| इसके चलते इन खाद्य पदार्थों की तस्करी बड़े पैमाने पर होती है। खुली सीमा होने के कारण तस्कर इसका खूब फायदा उठा रहे हैं । बढ़ती कीमतों के कारण दोगुना लाभ के लिए तस्कर नेपाल में प्याज की तस्करी में नाबालिग युवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं।

नेपाल में अभी प्याज भारतीय रुपए में 50 – 60 रुपए प्रति किलो बिक रहा है, भारतीय क्षेत्र में इसकी कीमत 25 से 30 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिलता है। जानकारों का मानना है कि नेपाल में चीन से प्याज लाया जाता है जो भारतीय प्याज से अच्छा नहीं होता है | इस कारण नेपाल में भारतीय प्याज की मांग बहुत ज्यादा है। नियम है कि खाद्य पदार्थों का कारोबार बिना आयात – निर्यात प्रपत्र के न किया जाए इसके बावजूद इन प्रतिबंधित खाद्य पदार्थों का कारोबार बिना किसी भय के धड्डले से हो रहा है।

निगरानी के लिए नेपाल की खुली सीमा पर एसएसबी पुलिस सक्रिय है। इसके बावजूद तस्करी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है । सीमा क्षेत्र से चोरी छुपे खाद्य पदार्थ विभिन्न वाहनों से नेपाल को भेजा जा रहा है| सीमा पर तस्कर महिला और बच्चों को करियर के रूप में इस्तेमाल कर उनके माध्यम से यह खेप भेजने का खेल इन दोनों खेल रहे हैं यह तस्कर सीमावर्ती गांव के पगडंडियों के सहारे नेपाल में प्रतिबंधित खाद्य पदार्थों को पहुंचा रहे हैं | जिसके चलते प्रतिदिन लाखों के राजस्व का चूना लग रहा है।

PUBLISHED BY- GAURAV UPADHYAY