प्रेमानंद महाराज को योगीराज में नहीं मिल रही “सुरक्षा”…

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मथुरा (जनमत):-भगवान् कृष्ण की नगरी मथुरा-वृन्दावन भक्तों के साथ साधू संतों की नगरी है जहाँ बांके बिहारी के दर्शन के लिए लाखों भक्त देश और विदेश के कोने कोने से रोज आते हैं वहीँ सत्संग में भक्तों की भीड़  देखने को  मिल जाती है. वैसे तो वृन्दावन कई संतो की कर्मस्थली हैं जो कृष्ण भक्ति में लीन रहती है लेकिन राधा भक्ति में मगन रहकर अपनी अलग पहचान बनाने वाले प्रेमानन्द गोविन्द शरण जी महाराज आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं.इनके भक्तों में जहाँ एक तरफ विराट कोहली सिने अभिनेत्री  अनुष्का शर्मा, बी प्राग जैसी हस्तियाँ हैं वहीँ दूसरी तरफ  राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत जैसे लोग भी इनकी चौखट पर माथा टेकते दिख जातें हैं वहीँ अतिविशिष्ट लोगो  के साथ ही  आम जनमानस  भी प्रेमानंद महाराज जी से मिलने की लालसा रखता है.

 

इनकी लोकप्रियता का  अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की अपने निवास वृन्दावन में  कृष्ण शरणम सोसाइटी से अपने आश्रम श्री हित राधा केलिकुंज तक पैदल मार्ग यात्रा के दौरान हजारों की संख्या में लोग अर्ध रात्री से ही इनके दर्शन के लिए खड़े रहतें हैं. इसी के साथ ही सोशल मीडिया में  भी इनके करोडो भक्त हैं जो इनके अध्यात्मिक ज्ञान से इस मध्यम से भी लाभन्वित होते रहेंते हैं. इनकी निवास से आश्रम की होने वाली यात्रा कई वर्षों से लगातार अनवरत चल रही थी जिससे आम आदमी भी महराज जी के दर्शन बेहद सुगमता से कर लेते थे लेकिन अचानक खबरों में आया कि अब निवास से आश्रम तक की होने वाली  महाराज जी की परिक्रमा यात्रा बंद कर दी गयी है.

अब सबसे बड़ा सवाल ये है की आखिर  महाराज जी ने भक्तों से मुह क्यों फेर लिया है.इसे लेकर सामने आया कि जहाँ एक तरफ स्वास्थ्य का हवाला दिया जा रहा है वहीँ असल मामला सुरक्षा व्यवस्था को लेकर है. जानकारी करने पर सामने आया कि  प्रतिदिन  परिक्रमा यात्रा के दौरान बढती भीड़  को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराये जाने के विषय में आश्रम प्रबंध समिति के सचिव सुरेन्द्र सिंह बाबा उर्फ़ नवल नागरी द्वारा  सरकार/  प्रशासन से मांग की गयी जिसमे पत्र सं0 1113/2023 दिनांक- 27/10/2023  के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराये जाने के फलस्वरूप  मुख्यमंत्री कार्यालय  द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मथुरा को निर्देश दिए जाने के बाद भी सारी कार्यवाही कागजो में सिमट कर रह गयी.

वहीँ बार बार सरकार और जिला प्रशासन से सुरक्षा उपलब्ध कराये जाने को लेकर पत्राचार किया गया और दूसरी तरफ महाराज जी के सत्संग स्थल पर लगातार भक्तों और आगंतुकों की बढती संख्या को व्यवस्थित कराया जाना अब संभव नहीं हो पा रहा था  और लगातार बढती भीड़  को देखते हुए और समय-असमय कोई अप्रिय घटना न घटित हो इसे ध्यान में रखते मजबूर होकर महाराज जी ने भक्तों से भेंट और प्रवचन फिलहाल सुरक्षा कारणों से बंद कर दिए हैं. जानकारी के मुताबिक स्थानीय पुलिस ने महाराज जी सुरक्षा से सम्बंधित रिपोर्ट वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को सौंप दी गयी है. जिसपर फ़िलहाल कोई समुचित कार्यवाही नहीं हो पा रही है. स्थानीय पुलिस की रिपोर्ट पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मथुरा और सरकार के उच्चाधिकारियों के बीच कागजी कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है. अब शायद सरकार/ प्रशासन को किसी बड़ी अप्रिय घटना घटित होने का इंतज़ार है  जिसके बाद सुरक्षा व्यवस्था की समुचित व्यवस्था हो सकेगी?

आपको बता दे की  महाराज जी प्रातःकाल समय 02:15 बजे अपने निवास स्थान कृष्ण शरणम् सोसायटी से परिक्रमा मार्ग होते हुए पैदल ही सत्संग स्थल श्री हित राधा केलिकुंज आश्रम तक समय लगभग 03:15 बजे तक पधारते हैं। तत्पश्चात् प्रातः 04:15 बजे से 06:30 बजे तक सत्संग एवं 06:30 बजे से 09:30 बजे तक एकांति दर्शन वार्तालाप कार्यक्रम के उपरान्त समय करीब 10:00 बजे महाराजजी कार द्वारा अपने निज निवास कृष्ण शरणम् सोसायटी के लिये प्रस्थान करते हैं। महाराजजी द्वारा अपने निवास स्थान से सत्संग स्थल तक आने वाले सम्पूर्ण मार्ग पर मार्ग के दोनों ओर 05 से 06 हजार श्रद्धालु भक्त महाराजजी के दर्शन हेतु मौजूद रहते हैं, जो महाराज जी के साथ अनियंत्रित होकर झुण्ड के रूप में उनके पीछे-पीछे चलने लगते हैं, जिसके फलस्वरूप अफरा-तफरी / अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। आश्रम के सामने परिक्रमा मार्ग पर श्रद्धालुओं की अनियंत्रित भीड़ एकत्रित होने के कारण अव्यवस्था होती जा रही थी.

अब सबसे बड़ा सवाल ये है की आखिरकार लाखों की संख्या की भीड़  और अव्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा  व्यवस्था उपलब्ध क्यों नहीं कराई जा रही है, जबकि महाराज जी के प्रवचन और सत्संग  से प्रभावित होने वाले भक्तों की संख्या में जिस प्रकार से तेजी बढती जा रही है उस हिसाब से सुरक्षा एक अहम् मुद्दा हो जाता है. एक तरफ सरकार धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर बड़े बड़े दावे करती रहती है लेकिन वृन्दावन जैसे धार्मिक स्थल में मौजूद  लोकप्रिय संत  की सुरक्षा को नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है ? जबकि  आश्रम प्रबंधन के द्वारा सरकार से सुरक्षा की मांग काफी अरसे से की जा रही है और दूसरी तरफ सरकार के पर्याप्त सुरक्षा ने दिये जाने के कारण आश्रम प्रबंधन ने सुरक्षा की बिगडती स्थिति को देखते हुए वर्षों से चली आ रही परिक्रमा यात्रा के दर्शन को ही बंद कर दिया है. अब देखने वाली बात ये है की सरकार इस मामले में कब सुरक्षा के इंतज़ाम करती है जिससे प्रेमानंद महाराज जी के भक्त फिर से उनके दर्शन और सत्संग का लाभ उठा सकें.

SPECIAL REPORT- ABHILASH BHATT,STATE BUREAU CHIEF.