रामलला के लिए 1008 फुट ऊंची स्वर्ण मंदिर तैयार करने की घोषणा

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अयोध्या (जनमत):- श्री रामायल ट्रस्ट रामलला के लिए 1008 फुट ऊंची स्वर्ण मंदिर तैयार करने की घोषणा की है। अयोध्या पहुंचे श्री रामालय ट्रस्ट के सचिव अभिमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए चेन्नई काश्तकारों से संपर्क कर नया नक्शा तैयार किया गया है। जिसको लेकर केंद्र सरकार को पत्र भी भेजा जा चुका है।राम मंदिर के पक्ष में उच्चतम न्यायालय में फैसला आने के बाद मंदिर निर्माण को लेकर संत धर्माचार्यों में विवाद खड़ा होता नजर आ रहा हैं। राम मंदिर निर्माण को लेकर राम जन्मभूमि न्यास वर्षों से राम मंदिर का मॉडल के अनुरूप पत्थरों को तैयार किया है|

तो वही अब श्री रामालय ट्रस्ट राम मंदिर निर्माण के लिए नए मॉडल तैयार करने की बात कर रही। और विश्व की सबसे ऊंची मंदिर होने का भी दावा है।श्री रामालय ट्रस्ट श्री रामजन्मभूमि पुनरुद्धार समिति की तरफ से पक्षकार था।सुप्रीम कोर्ट ने जब मसौधा समिति का गठन किया तो काफी प्रयास के बाद सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के साथ समझौता हो गया। जोकि बिना किसी जमीन के अपना दावा छोड़ने की बात कही थी। यह विवाद कोर्ट में लंबित है। यार जब उन लोगो ने दावा छोड़ दिया था तो उनको 5 एकड़ जमीन क्यो दी गई। आये फैसले में बहुत से ऐसे मुद्दे है जो विचारणीय है। लेकिन फैसला आने के बाद उस पर विचार नही किया जा रहा है।

राम जन्मभूमि रामलला के पक्ष में फैसला से ही सभी प्रसन्न हैं।निर्णय की समीक्षा कोई नही करना चाहता है। भगवान त्रिपाल में है और मंदिर निर्माण में अभी समय लगेगा। जिसको लेकर संतधर्मचार्यों ने यह निर्णय लिया है। कि मंदिर निर्माण के अंतराल में एक स्वर्ण मंदिर में रामलला को विराजमान कराया जाए। और राम मंदिर निर्माण के बाद रामलला को स्वर्ण मंदिर सहित उसमे विराजमान कराया जाएगा। जब तक कोर्ट में विवाद था तब तक हम लोगो की मजबूरी थी लेकिन अब कोर्ट के फैसले के बाद कोई मजबूरी नही है। देशे राम भक्त चाहते हैं कि उनकी महिमा के अनुरूप भव्य स्वर्ण मंदिर का निर्माण हो जिसको लेकर रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी व रामालय ट्रस्ट के सदस्य आचार्य सत्येंद्र दास से चर्चा मंदिर निर्माण का मॉडल तैयार किया जाएगा।

इसके लिए चेन्नई में काश्तकारों से संपर्क किया गया है जिनके माध्यम से एक कच्चा नक्सा बनाया गया है। जिसको लेकर सरकार पत्र भी भेजा गया है इस पर फैसला होते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा। वहीं बताया कि वर्षों के बाद जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का अवसर आया है। देश के सभी सनातन धर्मियों की भावना है कि विश्व की सबसे बड़ी मंदिर बने। जिसमें दक्षिण और उत्तर के शैली का सामंजस्य कर वास्तु व विधान शास्त्र के अनुसार भव्य मंदिर बनाना चाहेंगे। जिसका शिखर 1008 फुट ऊँचा सोने का होना चाहिए।वहीं बताया कि विहिप के द्वारा बने मॉडल को खारिज नही किया गया है।

परन्तु पहले ही प्लाट मिलने के बाद नक्सा बनाये जाने की बात कही गई थी लेकिन जल्द बाजी में पहले ही नक्सा बनाकर मंदिर मॉडल केलिए पत्थर बनाने कार्य शुरू कर दिया। वह भी एक राम भक्त हैं इसलिए उनसे कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। और सभी राम भक्त मिलकर एक अच्छा वातावरण बनाते हुए उन सभी पत्थरों को उस मंदिर में समायोजित कर लिया जाएगा। राम मंदिर को लेकर देश के गृहमंत्री अमित शाह का भी कहना था कि गगन चुम्बी मंदिर बनेगा। ऐसे ने 130 फुट ऊँचा विहिप का मॉडल आकाश चुम्बी नही है। लेकिन इस मॉडल में भावनाएं जुड़ी हुई हैं देश विदेशों से राम भक्त शिलाएं दी है|

जिसको भी उसी परिसर में समायोजित किया जाएगा। वहीं ट्रस्ट निर्माण में कोर्ट ने नया ट्रस्ट बनाने की बात नहीं कही है कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा है कि भूमि अधिग्रहण 1993 में भूमि अधिग्रहण में बने कानून में धारा छह के अनुसार राम मंदिर निर्माण के उद्देश्य के लिए जो ट्रस्ट बने होंगे उसी में से ट्रस्ट को चुनकर मंदिर हैंडओवर कर दिए जाएंगे आज समाज मे नए ट्रस्ट बनाने को लेकर बहुत बड़ा भ्रम फैलाया हुआ है।