वो ‘बादल ही क्या जो वक्त पर बरस” जाये

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सिद्धार्थनगर (जनमत ):- सिद्धार्थनगर जिले के किसानो के सामने अब सूखे का संकट मुह बाये खडा है।  सिद्धार्थनगर जिले में खरीफ की फसल के लिए प्रयाप्त बारिश न होने से किसान खासे परेशान है। परेशान हाल किसानों को अब सूखे का डर सताने लगा है। सिचाई के लिए किसानो के लिए सहारा बनी नहरे अब सूखने के कगार पर है। गरीब किसानो को सूखी नहरे भी मुह चिडा रही है।वही ज़िम्मेदार अधिकारी किसानों की इस समस्या का निदान ढूढ रहे है।

खेतो मे सूख रही धान की इन फसलों को पानी की सख्त जरूरत है। जिले का हर किसान आसमान पे टकटकी लगाये रूठे काले बादलों के हसरत भरी निगाह से देख रहा है कि कब मेघ बरस कर उनके अरमानो को खुशियो से भर देगे। लेकिन वो बादल ही क्या जो वक्त पर बरस जाये। जिले के किसान एक तरफ कुदरत की कहर का दिल थाम कर मुकाबला अपने संसाधनों से कर  रहे है। बची खुची फसलो में पम्प सेट चला कर पानी की आपूर्ति कर रहे है। लेकिन सूखे का आलम ये है कि जमीन पानी की कमी के कारण फट गयी है।

सिधार्थ्नगर जिले मे सिचाई के लिए प्रयाप्त साधन है। नहरो  का जाल पूरे जिले मे बिछा है। हर ग्रामसभा मे टयुबवेल भी लगे है लेकिन वे सिर्फ हाथी का दांत साबित हो रहे है। नहरे सिल्ट और खर पतवार से पटी पडी है।ऐसे मे प्रगतिशील किसान तो निजी संसाधनो से सिचाई की जरूरत पूरी कर ले रहे है लेकिन गरीब किसानो के सामने सिर्फ कुदरती बारिश का ही सहारा है। किसानों को सरकार से उम्मीद है कि उनकी इन दिक्कतों को देखते हुए इस जिले को जल्द से जल्द सूखाग्रस्त घोषित किया जाए।

सुख रही धान की फसल और जिले में बढ़ रहे सूखे के हालात पर जिलाधिकारी संजीव रंजन ने कहा कि उनकी पूरी टीम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं |पानी की कमी को पूरा करने के लिए लहरों में पूरी तरह से पानी खोल दिया गया है और हर क्षेत्र में पानी पहुंचाने की कोशिश की जा रही है लेकिन तालाबों में भी पानी कम होने की वजह से नहरो के टेल तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है।

इसके अलावा जो भी नलकूप है उनकी मरम्मत कराकर उससे भी सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था कराई जा रही है जिलाधिकारी ने कहा कि पानी ना होने से बेशक किसान बहुत परेशान हैं और अगर बारिश नहीं हुई तो जिला प्रशासन द्वारा की गई पानी की व्यवस्था की कोशिशें नाकाफी ही होंगी ऐसे में प्राकृतिक रूप से बारिश की जरूरत तो हमेशा से रही है और आज भी है उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कुछ दिन में बारिश जरूर हो जाएगी और किसानों के चेहरे पर खुशी दोबारा लौटेगी लेकिन अगर हालात ऐसे ही रहे तो जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने के लिए शासन स्तर पर लिखा जाएगा।

 

Reported By – Dharamveer Gupta 

Published By – Vishal Mishra