देश-विदेश (जनमत) : हमारे देश का नाम विषय में एक बड़े आयातक देश के रूप में विख्यात है इसका मूल कारण है की हम देश में उत्पादित की गयीं वस्तुओं का उपभोग देश में कर लेतें हैं। हालाँकि इस मामले में सरकार ने अब कदम उठाना शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले गन्ना किसानों का बकाया चुकाने को लेकर कमर कस ली है। अब चीनी मिलों को बकाया चुकाने के लायक बनाने को निर्यात को बढ़ावा देने की योजना पर काम भी शुरू कर दिया है। जिससे देश को फायदा होगा ही साथ ही उन चीनी मीलों का भी उद्धार हो सकेगा जो अभी बंद होने की कगार पर जा चुकी हैं या फिर दम तोड़ने वाली है।
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हालाँकि इसी के साथ ही देश के किसानो को भी काफी रहत मिल सकती है चुकी चीनी का निर्यात अगर सही तौर पर शुरू कर दिया गया तो देश के गन्ना किसानो के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं होंगी और देश की भागीदारी में किसान में एक बड़े भगीदार के रूप में खड़ा किया जा सकता है। हालाँकि चीनी निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तीन टीम पांच देशों के दौरे पर हैं। वह चीन, बांग्लादेश, मलयेशिया, दक्षिण कोरिया जैसे देशों में निर्यात की संभावनाएं तलाश रही हैं। निर्यात बढ़ने से मिलों को अच्छे दाम मिलेंगे।