जो देश अपनी भाषा नहीं बचा सकता उसकी संस्कृति “ख़त्म” हो जाती है…

दिल्ली / एनसीआर

नई दिल्ली (जनमत) :-  हिंदी दिवस के मौके पर गृह मंत्री अमित शाह ने देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि देश की एक भाषा हो इसी को याद रखते हुए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने राजभाषा की कल्पना की थी और इसके लिए हिंदी को स्वीकार किया। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने एक राष्ट्र-एक भाषा के फॉर्मूले का समर्थन करते हुए कहा, “जरूरत है कि देश की एक भाषा हो, जिसके कारण विदेशी भाषाओं को जगह न मिले। गृह मंत्री ने कहा, “हिंदी दिवस के दिन हमें आत्म निरीक्षण करना चाहिए।

साथ ही बताया कि दुनिया में कई देश हैं जिनकी भाषाएं लुप्त हो गईं। जो देश अपनी भाषा छोड़ता है उसका अस्तित्व भी छूट जाता है। मैं मानता हूं कि हिंदी को बल देना, प्रचारित करना, प्रसारित करना, संशोधित करना, उसके व्याकरण का शुद्धिकरण करना, इसके साहित्य को नए युग में ले जाना चाहे वो गद्य हो या पद्य हमारा दायित्व है। जो देश अपनी भाषा नहीं बचा सकता वो अपनी संस्कृति भी संरक्षित नहीं रख सकता। वहीँ इस पर तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी द्रमुक के अध्यक्ष एमके स्टालिन ने शाह के बयान का विरोध करते हुए कहा कि हम लगातार हिंदी को थोपे जाने का विरोध करते रहे हैं।