कल्याण सिंह के नाम पर बहुत बड़ा दांव खेल गए “अमित शाह”… 

UP Special News दिल्ली / एनसीआर

नई दिल्ली (जनमत):-  केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह कल्याण सिंह के नाम पर पश्चिमी उत्तर-प्रदेश में भाजपा के लिए एक बड़े अवसर की संभावना जगा गए। 21 अगस्त को पूर्व मुख्यमंत्री और राम मंदिर के नाम पर अपनी सरकार को न्यौछावर कर देने वाले कल्याण सिंह की तीसरी पूण्यभूमि पर अलीगढ़ पधारे अमित शाह ने हिंदू वोटों को एकजुट करने के उद्देश्य से राम मंदिर के निर्माण को कल्याण सिंह से जोड़कर लोध और पिछड़े वर्ग को सम्मानित करने के  प्रति  भाजपा की प्रतिबद्धता दुहराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार ने कल्याण सिंह के सभी सपने पूरे कर दिए है। जिसमें अयोध्या में मंदिर निर्माण से लेकर गरीब एवं नीचले तबके के उत्थान तक शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि कल्याण सिंह राम मंदिर आंदोलन के नायक रहे हैं और वे जिस लोध बिरादरी से आते हैं उसके अकेले यूपी में 8 प्रतिशत से  अधिक  वोट हैं। कल्याण सिंह की लोध वोटों के अलावा अन्य ओबीसी वर्गों के वोटों पर भी अच्छी पकड़ थी और वे आज भी कल्याण सिंह को अपना नायक मानते हैं।.

21 अगस्त को भाजपा ने कल्याण सिंह की स्मृति में हिंदू गौरव दिवस का आयोजन किया था। जिसका उद्घाटन अमितशाह ने किया। इस अवसर पर उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ भी मौजूद थे। अमित शाह ने अपने भाषण में स्वर्गीय कल्याण सिंह की  भर भर कर सराहना की। उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों के अपने कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी ने कल्याण सिंह के तय लक्ष्यों को ही पूरा किया है। स्वर्गीय कल्याण सिंह  जब मुख्यमंत्री बने थे तो उन्होंने तीन लक्ष्यों का निर्धारण किया था। एक तो राम मंदिर का निर्माण करने, दूसरे पिछड़े व वंचित वर्गाें को गरीबी रेखा से बाहर निकालने और तीसरे समता मूलक जाति भेद के बिना हिंदू समाज का निर्माण। शाह ने कहा कि तीनों लक्ष्यों पर बीजेपी ने काम किया है और उन्हें पूरा करने का पूरा प्रयास किया है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेजी से हो रहा है। अत्यंत गरीबों में से 10 प्रतिशत से अधिक लोगों को मोदी सरकार ने गरीबी रेखा से निकाल कर मध्यम वर्ग की श्रेणी में पहुंचा दिया है और समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर सामाजिक योजनाओं का क्रियान्वयन  किया जा रहा है।

अमित शाह ने हिंदुत्व के प्रति कल्याण सिंह की वचनबद्धता को याद करते हुए कहा कि जब उनके सामने सरकार बचाने या कारसेवकों पर गोली चलाने का विकल्प केंद्र की ओर से आया तो उन्होंने एक मिनट के अंदर सरकार से इस्तीफा दे दिया, लेकिन कारसेवकों पर गोली चलवाने का आदेश नहीं दिया। कल्याण सिंह ने अपने मुख्यमंत्रित्च काल में चुस्त प्रशासन, संवेदनशील शासन और गरीबों के कल्याण को प्राथमिकता दी। इसलिए उनके कार्यकाल को आज भी याद किया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी भी कल्याण सिंह के दिखाए रास्ते पर चल कर उनके तीनों लक्ष्यों को पूरा करने में काफी हद तक सफलता प्राप्त की है। अयोध्या में श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण 2024 में तक पूरा कर लिया जाएगा। भक्तों को श्री राम लला का दर्शन बिना रोक टोक के करने का सौभाग्य प्राप्त हो जाएगा। लाखों गरीब परिवारों में गैस कनेक्शन, बिजली, शौचालय, स्वच्छ पेयजल और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा कर मोदी ने कल्याण सिंह जी को श्रद्धांजलि दी है। हाशिये पर पड़े पिछड़े वर्गाें को ओबीसी आयोग के माध्यम से उनका अधिकार दे दिया गया है। नीट परीक्षा में ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण दिया है। नवोदय विद्यालयों और सैनिक स्कूलों में ओबीसी को 27 प्रतिशत         आरक्षण दिया जा रहा है। ओबीसी उद्यमियों के लिए एक उद्यम पूंजी कोष की स्थापना की गई है।

अमितशाह ने कल्याण सिंह की कर्म भूमि से एक तरह से यूपी में चुनाव अभियान की शुरआत कर दी है। कल्याण सिंह के प्रभाव वाले क्षेत्र में भाजपा को काफी उम्मीदें हैं तो चुनौतियां भी हैं। किसान आंदोलन के दौरान जाटों के बिफरने और  जयंत चौधरी के सपा के साथ आने के कारण नए राजनीतिक समीकरण बनने लगे हैं, ऐसे में अमितशाह द्वारा लोध व अन्य ओबीसी वोटरों को लुभाने का यह प्रयास काफी असर डाल सकता है, क्योंकि पश्चिमी यूपी में एटा, इटावा, कासगंज, बुलंदशहर, आगरा, फर्रुखाबाद, बदायूं, हाथरस, मुरादाबाद, अमरोहा, बरेली समेत लगभग 25 जिलों की 70 से 80 विधानसभा सीटों पर लोध व अन्य ओबीसी बिरादरी के लोगों का वजूद है और वो अहम भूमिका निभाते हैं। यूपी में बुंदेलखंड की लगभग सभी विधानसभा सीटों पर इनका अच्छा खासा प्रभाव है। मोटे तौर पर देखे तो अमितशाह ने कल्याण सिंह के बहाने लगभग 10 लोकसभा सीटों पर भाजपा के लिए संभावनाएं बढ़ाने के अभियान में अलीगढ़ आए थे।

REPORT- VIKRAM UPADHYAY…

PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL…