शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की एनआरसी पर सरकार से पुनर्विचार की अपील

शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की एनआरसी पर सरकार से पुनर्विचार की अपील

UP Special News

लखनऊ(जनमत):- ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की लखनऊ में आयोजित बैठक में बोर्ड ने सरकार से राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) पर पुनर्विचार करने की अपील की है।बोर्ड की बैठक में नई जनगणना में शिया समुदाय के लिए अलग कॉलम शामिल करने, शिया-सुन्नी वक्फ बोर्ड को मर्ज न करने, हज सब्सिडी बहाल कर कर्बला जाने वाले जायरीनों को हवाई किराए में सब्सिडी देने, मॉब लिंचिंग रोकने सहित कई प्रस्ताव रखे गए।बोर्ड की साल में एक बार होने वाली इस बैठक में देशभर से उलमा शामिल हुए हैं। बैठक में तय हुआ किया कि बोर्ड का एक डेलीगेशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर अपनी मांगे उनके सामने रखेगा।

मौलाना यासूब ने कहा कि आज दुनिया भर में शिया समुदाय के लोगों पर अत्‍याचार हो रहा है। हम अफ‍गानिस्‍तान में मारे जा रहे हैं, हम पाकिस्‍तान में मारे जा रहे हैं। हमारे लिए कनाडा ने दरवाजे खोल दिए हैं। वहां आश्रम बनाए जा रहे हैं। क्‍या हिंदुस्‍तान सरकार शियाओं के लिए दरवाजे नहीं खोल सकती है। हम अल्‍पसंख्‍यकों मे भी अल्‍पसंख्‍यक हैं। हम प्रस्‍ताव भेजेंगे पीएम मोदी और राष्‍ट्रपति और अध्‍यक्ष से भी मिलेंगे। मौलाना ने एनआरसी पर बोलते हुए कहा कि सब यहां रह रहे थे, पहले जागरुकता इतनी नहीं थी। हम यहां रह हैं, हमने क्‍या खरीदा क्‍या नहीं खरीदा ये कोई नहीं देखता था। अभी कुछ समय पहले ही वोटर आइडी आया, इससे पहले राशन कार्ड चलते थे।  हम सरकार की मुखालिफत नहीं कर रहे हैं, कम से कम सरकार एक बार इस बार विचार कर ले तो अच्‍छा है।

हम अलग कोटा की मांग कर रहे हैं। जस्टिर सच्‍चर की कमेटी ने सच्‍चर कमीशन बनाया यूपीएल। हम सच्‍चर साहब के पास दो बार फिजिकली जाकर बताया, लेकिन उनके आसपास के लोगों ने उसे मंजूर नहीं होने दिया। जब सच्‍चर कमीशन की रिपोर्ट आई तो उसमें शिया समुदाय को नजरअंदाज किया गया। सरकार एक कमीशन बनाए। सर्वे कराए और देखे कि हम सात करोड़ हैं कि नहीं। मौलाना यासूब अब्‍बास ने मांग की 1970 में जियारीन को हज सबसिडी मिलती थी जिसे बंद कर दिया गया। इसे फिर से शुरू किया जाए। कर्बला जाने वाले जायरीनों को हवाई किराए में सब्सिडी मिलनी चाहिए।