भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी ग्रामीणों के विकास की “योजनाएं”…

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 चंदौली (जनमत):- जहाँ एक तरफ केन्द्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के विकाश के लिए करोड़ों रुपए पानी की तरह रही है। ताकि ग्रामीणों को आवास, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। लेकिन कुछ भ्रष्ट सरकारी नुमाइंदे सरकार के मंसा को पलीता लगा रहे हैं। यूपी के चंदौली जिले के चकिया विकाश खण्ड के भटवारा गाँव का है जहाँ सेक्रेटरी प्रमोद कुमार ने पूर्व प्रधान से मिलकर गाँव में जमकर भ्रस्टाचार किया है। प्रधान ने आवास देने के नाम पर ग्रामीणों से बीस हजार रुपये वसूली किया।जिसके चलते आज भी कई आवास अधूरे पड़े हैं।

चूंकि आवास के पैसे में बीस हजार पूर्व प्रधान डकार गए तो लाभार्थी का आवास बने भी तो कैसे बने। आधे अधूरे आवास पर तीन शेड लगाकर जीवनयापन कर रहे हैं ग्रामीण। रही बात शौचालय की तो शौचालय में भी जमकर भ्रष्टाचार किया गया है।सैकड़ों शौचालय का निर्माण कागज में हो चुका है लेकिन धरातल पर कुछ ही शौचालय बने हैं। प्रधान जी के मेहरबानी से जो कुछ बने भी है तो वो आधे अधूरे बने हैं जो इस्तेमाल करने लायक हो नहीं है। प्रधान जी ने शौचालय पैसा लाभार्थियों के खाते में न भेजकर घटिया किस्म के मैटेरियल से शौचालय का निर्माण खुद कराया। ग्रामीणों के द्वारा शौचालय का पैसा मांगने के बाद भी प्रधान ने शौचालय का पैसा ग्रामीणों को नहीं दिया। जिसके चलते आज भी ग्रामीण खुले में शौच करने को मजबूर हैं।मामले के बारे में वर्तमान प्रधान निखिल कुमार ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि हमारे यह4जो मनरेगा का कार्य चल रहा हैअन्य गाँव में भी चल रहा है। आप देखेंगे कि हर गाँव में मनरेगा का कार्य शुरू हो गया है। आप देखेंगे कि संगठन बनने के पहले ही हर गाँव में मनरेगा का कार्य शुरु हो गया है। लेकिन मेरे गाँव में संगठन बनने के बाद मैने मनरेगा का कार्य शुरू किया। लेकिन मेरे गाँव में सबसे बड़ा बाधा सचिव प्रमोद कुमार उत्पन्न कर है। इनके कारण मेरे गाँव में मनरेगा का कार्य नहीं हो पा रहा है। मैं आपके सामने ये फ़ाइल पेश कर रहा हूँ।

ये इतनी फाइलें मेरे पास पड़ी हुई है।जिसपे एक साइन के वजह से मनरेगा का कार्य नहीं हो पा रहा है।और इस कोरोना काल के महामारी में जितने भी मजदूर वर्ग के लोग हैं परेशान हैं।वो बैठे हुए हैं घर पर। मैं चाहता हूं कि मैं वर्तमान प्रधान हूँ मैं इनको काम दे सकूँ।लेकिन सचिव के साइन के वजह से मेरा हर काम बाधित पड़ा हुआ है।और सचिव मुझसे हर बार कहते हैं कि मेरा और आपका नही पटेगा।आप मुझे हटवा दीजिये।आपका पहुँच है।लेकिन मेरा सोर्स कहीं नहीं है।अगर मेरा पास सोर्स ही होता तो अब तक सचिव हट चुके होते। मेरा सरकार से और प्रशासन में बैठे लोगों से निवेदन है कि तत्काल इस कार्यवाही को आगे बधाई जाय और सचिव के ऊपर भ्रष्टाचार और पिछले कार्यो का मुझे अभी तक कोई अभिलेख नही दिया गया और सामुदायिक शौचालय के लिए जबरदस्ती प्रयास किया जा रहा है की आप सामुदायिक शौचालय का निर्माण करवाईये। और सचिव हमसे कहते हैं कि सामुदायिक शौचालय का निर्माण पुराने प्रधान को कर लेने दीजिये। तो बताईये मैं किस आधार पर पुराने सामुदायिक शौचालय का निर्माण करू। पूर्व प्रधान और सेक्रेटरी के द्वारा अभी तक मुझे जो शौचालय की लिस्ट मिली है उसमें कई लोग ऐसे जिनको शौचालय का एक भी रुपया नहीं मिला है । मेरे पास लिस्ट हैं पन्द्रह लोंगो की जिनका पैसा पास हो गया है लेकिन उनको अभी तक शौचालय नहीं मिला है।

ब मामले के बारे में जिलाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि भटवारा खुर्द जो कि चकिया विकास खण्ड में है। वहाँ के नव निर्वाचित प्रधान हैं उनके द्वारा इस तरह के आरोप लगाये गए हैं। और जो सचिव है उसके द्वारा दबंगई की जा रही है।और पूर्व प्रधान द्वारा आवास में पैसा लिया गया है। इस शिकायत पर जाँच टीम गठित किया गया है।और किसी भी दशा में अनिमियता की गई है तो दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। इसके अतिरिक्त मनरेगा कार्य प्रारंभ न होने की बात है तो सभी ग्राम पंचायतों का जिले में जो लक्ष्य है उसके अनुरूप आदेशित किया गया है कि मनरेगा कार्य तत्काल शुरू कराए जाय और सभी ग्राम पंचायतों में मनरेगा के कार्य भी प्रारंभ हो चुके हैं।और सभी सचिवों को निर्देशित किया गया है कि शासन के निर्देशानुसार प्राथमिकता की योजनाओं पर त्वरित कार्यवाही किया जाय। सचिव अगर दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि मामला डीएम साहब के संज्ञान में आने के बाद दोषियों पर कार्यवाही होती है या मामले को ठन्डे बस्ते में डाल दिया जाता है

PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL…                          REPORTED BY:-  UMESH SINGH…