किसानों के समर्थन में जब सपा प्रमुख बैठे धरने पर तो पुलिस ने लिया ये एक्शन 

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CCC राज्य सभा में पास हुआ किसान कानून , किसानों के लिए काला कानून है और वह इसका खुलकर विरोध करेंगे। सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यह बातें उस समय कही जब उनको बन्दरिया बाग स्थित चौराहे से पुलिस ने हिरासत में लिया था। इससे पहले अपने समर्थकों के साथ अखिलेश यादव ने कन्नौज जाने से रोके जाने पर सरकार और पुलिस के खिलाफ बंदरिया बाग चौराहे पर धरना दिया।

अपने आवास से बंदरियाबाग जाते सपा प्रमुख अखिलेश यादव 
हाल ही में राज्य सभा में पास हुए कृषि कानून के खिलाफ देश के किसान एक बार फिर से एकजुट हो चुके है। किसान कानून को रद्द किये जाने की मांग को लेकर पिछले कई दिनों तक हुए प्रदर्शन के बाद केंद्र सरकार के मंत्रियों ने किसान नेताओं के कई प्रतिनिधियों से बातचीत की लेकिन यह बेनतीजा साबित हुई। केंद्र सरकार कानून में संसोधन के लिए किसान नेताओ से सुझाव मांग रही है जबकि किसानों की मांग है कि कानून को ही रदद किया जाये। कृषि कानून के विरोध में अब किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आवाहन किया है। किसानों के समर्थन में कई राजनीतिक पार्टियों ने भी अपनी रोटियां सेकनी शुरू कर दी है। तमाम राजनीतिक पार्टियों ने भी किसानों के साथ सुर में सुर मिलाते हुए कानून को रद्द करने की मांग की है। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव किसानों के समर्थन में खुलकर सामने आ चुके है।
पुलिस हिरासत में सपा प्रमुख अखिलेश यादव 
अखिलेश यादव ने रविवार को ही साफ कर दिया था कि वह किसानों के साथ है और वह खुद कन्नौज में ट्रैक्टर चलाकर किसानों के भारत बंद का समर्थन करेंगे। सपा प्रमुख के इस एलान के बाद प्रदेश के सोनभद्र, प्रतापगढ़ और बाँदा समेत कई जनपदों में सपाइयों ने प्रदर्शन किया। इस बीच सपा मुखिया के इस एलान के बाद लखनऊ में प्रदेश पार्टी कार्यालय और उनके आवास को पुलिस ने छावनी में बदल दिया। प्रदर्शन कर रहे राजपाल कश्यप और आशु सिंह समेत कई नेताओं को पुलिस ने सुबह ही गिरफ्तार कर लिया था। इसके बावजूद भी सपा नेताओं का पार्टी कार्यालय आने का सिलसिला जारी रहा।
सपा समर्थकों ने एसपी प्रमुख के साथ किया प्रदर्शन 
कई बार तो पार्टी कार्यालय पर सपाइयों और पुलिस के बीच लाठियां भी चली और कई लोग लहुलुहान भी हुए। इसी बीच नाटकीय घटनाक्रम में सपा मुखिया अखिलेश यादव अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ आवास से निकले और समर्थकों के साथ पुलिस से धक्का – मुक्की के बीच बंदरिया बाग चौराहे पर धरने पर बैठ गए। यहाँ अखिलेश यादव ने कहा कि सपा हमेशा किसानों के सवाल उठाती रही है। सपा ऐसे कानून के खिलाफ है जो किसान के पक्ष में नहीं है। पूरे देश के किसान इस कानून के खिलाफ खड़े है। अगर पंजाब, हरियाणा और दक्षिण भारत के किसान इस आंदोलन से जुड़े है तो उत्तर प्रदेश के किसान भी ऐसे कानून के खिलाफ है। सपा चाहती है ऐसे कानून वापस हो।
अपने आवास से निकल बंदरियाबाग जाते हुए 
एक सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा विपक्ष को तो कोविड बताकर गिरफ्तार कर रही है लेकिन वह अपने कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है और उसमे कोई कोविड प्रोटोकॉल नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा किसानों के पास जाएगी और उनको बताएगी की ये जो लूट हो रही है उससे सरकार की मंशा काले कानून के जरिये कारपोरेशन हाउसेस को लाभ पहुंचाने के लिए है। इस बीच पुलिस ने सपा मुखिया अखिलेश यादव को बन्दरियाबाग चौराहे से हिरासत में लेकर पुलिस के वाहन में बैठा दिया। हिरासत में लिए जाने से नाराज़ अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि पुलिस उन्हें कहा लेकर जा रही है। साथ ही यह भी कहा कि वह किसानों के पक्ष में है और किसानों की मांग जायज है। सपा मुखिया अखिलेश यादव की मांग है कि काला कानून वापस हो और किसानों की आय दोगुनी हो।
रजनीश छवि, प्रमुख संवाददाता – जनमत न्यूज़