राज्य सभा एमपी कबूल करने से गिर गई चीफ़ जस्टिस की गरिमा – एएमयू के पूर्व प्रो मुफ्ती जाहिद

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अलीगढ़ (जनमत):- खबर उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ से है जहाँ एएमयू के वाइस चांसलर तारिक मंसूर को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एमएलसी पद के लिए नॉमिनेट किए जाने पर एएमयू थियोलॉजी विभाग के पूर्व चेयरमैन प्रोफ़ेसर मुफ्ती जाहिद ने तंज कसते हुए कहा कि एएमयू वाइस चांसलर की गरिमा के अनुसार एमएलसी का पद नहीं है,कहा कि वर्तमान समय में किसी के भी पद की कोई गरिमा नहीं रही है।

जब चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया द्वारा नॉमिनेट राज्यसभा सांसद पद कबूल करना ही चीफ जस्टिस की गरिमा के विरुद्ध था। जब चीफ जस्टिस की ही गरिमा गिर गई। तो चीफ जस्टिस की गरिमा के सामने एएमयू के वाइस चांसलर तारिक मंसूर की गरिमा की क्या बात करें।इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एएमयू बिरादरी कुलपति को प्रदेश सरकार द्वारा दिए गए एमएलसी के पद बहुत छोटा मान रही है, उन्हें इससे भी बड़ा पद मिलना चाहिए था।

आपको बताते चलें कि जनपद अलीगढ़ के एएमयू के कुलपति तारिक मसूर को उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा एमएलसी नॉमिनेटेड किए जाने के बाद वाइस चांसलर ने अपने पद से देर रात रिजाइन कर दिया। प्रदेश सरकार के द्वारा एएमयू के वाइस चांसलर को भारतीय जनता पार्टी की तरफ से एमएलसी बनाए जाने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के थियोलॉजी विभाग से सेवानिवृत्त पूर्व चेयरमैन प्रोफेसर मुफ्ती जाहिद ने कुलपति तारिक मंसूर पर तंज कसते हुए तीखा हमला बोला है उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने एएमयू वीसी तारिक मंसूर का नाम एमएलसी के लिए नॉमिनेट करके राज्यपाल के लिए भेजा है। जो राजपाल के यहाँ से कबूल हो ही जाएगा।

वाइस चांसलर पर तंज कसते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के जो अधिकार में बड़े से बड़ा पद जो था।वह उसने कुलपति को दे दिया है। क्योंकि प्रदेश सरकार एएमयू वीसी के कार्यकाल और कार्यशैली से संतुष्ट रही है। कहा कि अब तक एएमयू से रिटायर हुए लोग राष्ट्रीय पद पर ही गए हैं। लेकिन जब से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने नॉमिनेट एमपी एमपी राज्य सभा का पद कबूल किया है, जब चीफ जस्टिस की ही गरिमा गिर गई है, तो वाइस चांसलर की गरिमा के बारे में क्या बात करें? अब किसी चीज की गरिमा ईमान इज्जत नहीं रही है। कहा कि इससे पूर्व ज्यादातर लोग गवर्नर वाइस प्रेसिडेंट माइनॉरिटी कमेटी के चेयरमैन बने हैं। राष्ट्रीय स्तर के बड़े से बड़े पद एएमयू कुलपति को मिलते रहे। अब जो एएमयू के वाइस चांसलर को पद मिला है, वह उनके पद से बहुत कम है।

जिससे ये पता लग गया है कि वाइस चांसलर तारिक मंसूर की मौजूदा सरकार में छवि अच्छी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आजकल सरकार की मुसलमानों की तरफ तवज्जो है, ऐसा भी हो सकता है कि सरकार मुसलमानों को रिझाने के लिए ऐसा कर रही है। जबकि एएमयू बिरादरी कुलपति को एमएलसी का पद मिलना बहुत छोटा मान रही है, वाइस चांसलर को इससे भी बड़ा पद मिलना चाहिए था।

Reported By :- Ajay Kumar

Published By :- Vishal Mishra