आपराधिक केस पर भी गिरोहबंद कानून के तहत हो सकती है “एफआइआर”….

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लखनऊ (जनमत) :- इलाहाबाद हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा है कि एक आपराधिक केस पर भी गिरोहबंद कानून के तहत एफआइआर दर्ज कराई जा सकती है। इसमें कोई अवैधानिकता नहीं है। अदालत ने दर्ज एक ही एफआइआर को लेकर गिरोहबंद अपराध कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की वैधता को चुनौती देने वाली दर्जन भर याचिकाएं खारिज कर दी हैंं। कोर्ट ने कहा है कि यदि दर्ज प्राथमिकी से संज्ञेय अपराध बन रहा है तो उसकी विवेचना अवश्य होनी चाहिए। इसे रद नहीं किया जा सकता और आरोपियों को संरक्षण नहीं दिया जा सकता।

यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति समित गोपाल की खंडपीठ ने रितेश कुमार उर्फ रिक्की तथा अन्य की याचिकाओं को खारिज करते हुए दिया है।अदालत ने दर्ज एक ही एफआइआर को लेकर गिरोहबंद अपराध कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की वैधता को चुनौती देने वाली दर्जन भर याचिकाएं खारिज कर दी हैंं।

PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL…