भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा “लिखित संविधान” है ….

देश – विदेश

लखनऊ (जनमत) :-    भारत का संविधान, भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को यानी 73 वर्ष पूर्व आज ही की तारीख को पारित हुआ था तब से भारत वर्ष में 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है | 26 नवंबर 1949 को देश की संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को विधिवत रूप से स्वीकार किया था, लेकिन इसे स्वीकार किए जाने के दो महीने बाद यानी 26 जनवरी 1950 को इस संविधान को लागू किया गया था। इसी कारण 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।आपको बता दे कि राष्ट्रीय संविधान दिवस को राष्ट्रीय कानून दिवस के नाम से भी जाना जाता है | हमारा संविधान दुनियाभर के 60 लोकतांत्रिक देशों के संविधान का मिश्रण है। इसे तैयार करने में करीब 2 साल 11 महीने 18 दिन का समय लगा था। भारतीय संविधान के बारे में कहा जाए तो यह बहुत लंबा संविधान है। इसे दुनिया का लंबा संविधान कहा जाता है। भारतीय संविधान में 395 अनुच्छेद, 22 खण्ड और 8 अनुसूचियां हैं। जबकि इस समय हमारे संविधान में 470 अनुच्छेद, 25 खण्ड और 12 अनुसूचियों के साथ-साथ 5 परिशिष्ट भी हैं।

भारतीय संविधान की खास बातें

1. भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है |
2. डॉ भीमराव अम्बेडकर को भारतीय संविधान निर्माता कहा जाता है
3 . वर्ष 2015 नवम्बर 26 को संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंती पर भारत सरकार ने 26 नवंबर को “संविधान दिवस” के रूप में मनाने का फैसला लिया था |
4 . 2 साल 11 महीने 18 दिन का समय लगा था। भारतीय संविधान के बारे में कहा जाए तो यह बहुत लंबा संविधान है।
5 . भारतीय संविधान दुनियाभर के 60 लोकतांत्रिक देशों के संविधान का मिश्रण है।
6 . भारतीय संविधान हिंदी और अंग्रेजी दो भाषाओं में लिखी गई थी |
7 . हस्तलिखित भारतीय संविधान २४ जनवरी १९५० को संविधान सभा के 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किये थे इतना ही नहीं 284 सदस्यों में 15 महिलाएं भी शामिल थी |
8. भारत के पहले कानून मंत्री डॉ भीमराव अम्बेडकर संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष थे |

PUBLISHED BY:- ANKUSH / AMBUJ…..